What is Google Bard AI?

What is Google Bard AI?

 Google Bard AI गूगल रिसर्च द्वारा विकसित एक भाषा निर्माण मॉडल है, जिसे मानव-समान पाठ उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Google Bard AI विशेष रूप से सुसंगत और विविध कथा-शैली पाठ उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे वेब से प्राप्त एक बड़े और विविध डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका उपयोग मॉडल को कथा-शैली के पाठ के पैटर्न और संरचनाओं को सिखाने के लिए किया जाता है।

लक्ष्य मॉडल को ऐसे टेक्स्ट उत्पन्न करने में सक्षम बनाना है जो विविध प्रासंगिक रूप से उपयुक्त और उपयोग के मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रासंगिक हो।

मॉडल का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे सामग्री निर्माण, संवाद निर्माण, और सारांश, अन्य। विशिष्ट उपयोग के मामलों या अनुप्रयोगों के लिए भी इसे ठीक-ठीक किया जा सकता है। जैसे उत्पाद विवरण तैयार करना या लेख लिखना।

Google Bard AI भाषा निर्माण के क्षेत्र को आगे बढ़ाने और लोगों के लिए प्राकृतिक भाषा पाठ बनाने और समझने को आसान बनाने के Google के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।

Google Bard AI गूगल रिसर्च द्वारा विकसित एक भाषा निर्माण मॉडल है। यह एक अत्याधुनिक मशीन लर्निंग मॉडल है जिसे मानव-जैसा पाठ उत्पन्न करने के लिए पाठ डेटा के एक बड़े कोष पर प्रशिक्षित किया गया है।

Google Bard AI का लक्ष्य सुसंगत और विविध कथा-शैली का पाठ उत्पन्न करना है। इसे ऐसे टेक्स्ट तैयार करने में सक्षम होने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो सामग्री निर्माण, संवाद निर्माण, सारांश, और अधिक जैसे उपयोग मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रासंगिक रूप से उपयुक्त और प्रासंगिक है।

Google Bard AI, Google द्वारा विकसित भाषा निर्माण मॉडल के एक बड़े परिवार का हिस्सा है। ये मॉडल पाठ डेटा में पैटर्न सीखने और उस ज्ञान के आधार पर नया पाठ उत्पन्न करने के लिए उन्नत मशीन लर्निंग एल्गोरिदम और गहरे तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करते हैं।

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Google Bard AI, Google द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक को संदर्भित करता है। इसमें अनुप्रयोगों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

Google AI का उपयोग विभिन्न प्रकार के Google उत्पादों में किया जाता है, जिनमें Google सहायक, Google फ़ोटो और Google अनुवाद शामिल हैं।

Google Bard AI का लक्ष्य कंप्यूटर को मानव भाषा को समझने और संसाधित करने और दुनिया के साथ अधिक प्राकृतिक तरीके से बातचीत करने में सक्षम करके लोगों के लिए प्रौद्योगिकी को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाना है।

How to use Google Bard AI Chatbot ?

आपकी रुचि के विशिष्ट उत्पाद या सेवा के आधार पर, Google Bard AI चैटबॉट का कई तरीकों से उपयोग किया जा सकता है। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  1. Google सहायक: आप Google सहायक का उपयोग अपने स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्ट स्पीकर या अन्य डिवाइस पर कर सकते हैं जो तकनीक का समर्थन करता है। Google Assistant के साथ बातचीत शुरू करने के लिए, बस “Hey Google” या “Ok Google” कहें और उससे एक प्रश्न पूछें या उसे एक आदेश दें। उदाहरण के लिए, आप पूछ सकते हैं “आज मौसम कैसा है?” या “कोई संगीत चलाओ।”
  2. Google डुप्लेक्स: Google डुप्लेक्स एक ऐसी तकनीक है जो Google सहायक को आपकी ओर से वास्तविक दुनिया आरक्षण और नियुक्तियां करने में सक्षम बनाती है। आप Google सहायक को आपके लिए आरक्षण करने के लिए कहकर Google डुप्लेक्स का उपयोग कर सकते हैं, और बातचीत करने के लिए यह प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और टेक्स्ट-टू-स्पीच तकनीक का उपयोग करेगा।
  3. Google Allo: Google Allo एक मैसेजिंग ऐप है जिसमें Google Assistant चैटबॉट शामिल है। आप मित्रों और परिवार को संदेश भेजने के लिए Google Allo का उपयोग कर सकते हैं। आप Google सहायक चैटबॉट से प्रश्न पूछकर या उसे आदेश देकर उससे बातचीत भी कर सकते हैं।
  4. Google चैटबॉट्स: Google व्यवसायों और डेवलपर्स को चैटबॉट बनाने और तैनात करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। जिसका उपयोग ग्राहक अपने उत्पादों और सेवाओं के साथ बातचीत करने के लिए कर सकते हैं। ग्राहकों के लिए संवादात्मक इंटरफ़ेस प्रदान करने के लिए इन चैटबॉट्स को वेबसाइटों, मैसेजिंग ऐप्स और अन्य प्लेटफ़ॉर्म में एकीकृत किया जा सकता है।

Google Bard AI चैटबॉट्स का उपयोग शुरू करने के लिए, आपको एक ऐसे उपकरण की आवश्यकता होगी जो तकनीक (जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, या स्मार्ट स्पीकर) और इंटरनेट तक पहुंच का समर्थन करता हो। आपको प्रासंगिक ऐप डाउनलोड करने या उस सेवा के साथ एक खाता बनाने की भी आवश्यकता हो सकती है जिसका आप उपयोग करना चाहते हैं।

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Google Bard AI vs ChatGPT AI

CHAT GPT बनाम Google BARD AI: हाल ही में Google ने अपनी AI चैट सेवा BARD AI की घोषणा की, जो AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के चैट GPT को खोलने के लिए एक सीधी प्रतियोगिता है। बार्ड AI  फिलहाल परीक्षण के चरण में है और आने वाले हफ्तों में इसे आम जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा। आइए CHAT GPT बनाम Google BARD AI के बीच अंतर देखें।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधुनिक समाज में एक तेजी से उभरता हुआ महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपने दैनिक कार्यों में शामिल करने वाले संगठनों की संख्या बढ़ रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल, वित्त, खुदरा और परिवहन जैसे उद्योगों में नियमित कार्यों को स्वचालित करने, निर्णय लेने में सुधार करने और ग्राहक अनुभव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

उदाहरण के लिए, एआई-संचालित चैटबॉट व्यवसायों के लिए ग्राहकों के साथ बातचीत करने का एक लोकप्रिय तरीका बन गए हैं। ऐसे भाषा-आधारित मॉडल भी हैं जिन्होंने मनुष्यों के काम करने के तरीके को बदल दिया है।

ऐसा ही एक उदाहरण ओपन एआई का CHAT GPT है, जो एक शक्तिशाली भाषा-आधारित मॉडल है जिसने अपनी स्थापना के बाद से डिजिटल दुनिया में क्रांति ला दी है।

CHAT GPT का उपयोग ईमेल लिखने, कोड विकसित करने और असाइनमेंट करने सहित अन्य चीजों के लिए किया जाता है। चैट जीपीटी के नैतिक उपयोग पर बहस चल रही है, हालांकि, कोई ठोस निष्कर्ष अभी नहीं निकला है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग पर बहस के बीच सबसे बड़ा सर्च इंजन Google ने भी अपनी भाषा-आधारित CHAT AI बार्ड (BARD) की घोषणा की है। Google BARD AI को CHAT GPT का सीधा प्रतियोगी माना जाता है।  हम Google के BARD AI और ओपन एआई के CHAT GPT के बीच के अंतरों को देखेंगे। लेकिन सबसे पहले CHAT GPT के बारे में जान लेते हैं।

What is Chat GPT?

ChatGPT OpenAI द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक भाषा मॉडल है। यह जनरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर (GPT) आर्किटेक्चर का एक प्रकार है, जिसे विशेष रूप से संवादात्मक AI अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे भारी मात्रा में पाठ डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है।  यह उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रदान किए गए संकेतों के जवाब में मानव-जैसा पाठ उत्पन्न कर सकता है।

ChatGPT को संवादात्मक तरीके से प्राकृतिक भाषा इनपुट को समझने और प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसे चैटबॉट्स, ग्राहक सेवा, भाषा अनुवाद, प्रश्न-उत्तर प्रणाली और अन्य जैसे अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयोगी बनाता है। डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में नवीनतम प्रगति का उपयोग करके, चैटजीपीटी उच्च-गुणवत्ता और सुसंगत पाठ उत्पन्न कर सकता है, जिससे यह मनुष्यों के साथ प्राकृतिक भाषा की बातचीत में संलग्न हो सकता है।

संक्षेप में, चैटजीपीटी एक एआई-संचालित भाषा मॉडल है जिसे बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है और उपयोगकर्ता इनपुट के जवाब में मानव-जैसा टेक्स्ट उत्पन्न करने में सक्षम है।

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What is Google Bard AI?

Google Bard AI गूगल रिसर्च द्वारा विकसित एक भाषा निर्माण मॉडल है। यह कंपनी द्वारा विकसित एआई मॉडल के एक बड़े परिवार का हिस्सा है जिसे मानव-समान पाठ उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Google Bard AI विशेष रूप से सुसंगत और विविध कथा-शैली पाठ उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे वेब से प्राप्त एक बड़े और विविध डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका उपयोग मॉडल को कथा-शैली के पाठ के पैटर्न और संरचनाओं को सिखाने के लिए किया जाता है।

Google Bard AI का उद्देश्य मानव ज्ञान की गहराई को उसके विशाल भाषा मॉडल की ताकत, बुद्धि और आविष्कारशीलता के साथ जोड़ना है। Google Bard AI मूल और सटीक उत्तर देने के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध ढेर सारे डेटा का उपयोग करेगा। Google Bard AI वर्तमान में परीक्षण के चरण में है और आने वाले हफ्तों में इसे जनता के लिए सुलभ बना दिया जाएगा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि CHAT GPT और Google BARD AI प्रौद्योगिकी का विकास एक सहयोगी प्रयास है। इस क्षेत्र में प्रगति अन्य क्षेत्रों को भी लाभान्वित कर सकती है। प्रतिस्पर्धा हमेशा नवाचार को बढ़ावा देती है और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर उत्पादों और सेवाओं का नेतृत्व कर सकती है। लेकिन यह महत्वपूर्ण नैतिक और सामाजिक प्रश्न भी उठा सकती है जिन पर विचार करने की आवश्यकता है।

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उम्मीद करता हूँ की आपलोंगो को यह आर्टिकल (What is Google Bard AI?) अच्छे से समझ आया होगा। अगर किसी प्रकार का कोई डॉउट है तो प्लीज् कमेंट करके जरूर बताएं। आपके समस्या का निवारण जरूर किया जायेगा। थैंक्यू।

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Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

एक ऐसी अभिनेत्री जिसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं, एक ऐसी दिलकश मुस्कान, जो फिर कभी दिखाई नहीं दी, एक ऐसी नायिका जिसने हर किसी के दिल को जीता, लेकिन अपने दिल को नहीं जीत पाई। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

वह थी सुंदरता की ऐसी मूरत कि जिसने भी एक बार देखा वह कभी भूल नहीं पाया। देश-विदेश सबने माना उनकी खूबसूरती का लोहा। वो थी सौन्दर्य की देवी, सब के दिलों पर जादू करने वाली मधुबाला। आज हम विस्तार से जानेंगे मधुबाला के बारे में।

मधुबाला जीवन परिचय (Biography of Madhubala in hindi)

दोस्तों, मधुबाला का जन्म 14 फरवरी सन 1933 यानी वैलेंटाइन डे के दिन हुआ था और शहर था दिलवालों की शहर दिल्ली। इनके बचपन का नाम था मुमताज जहां देहलवी । उनके पिता का नाम अत्ताउल्लाह खान और माता का नाम आयशा बेगम था।

आयशा बेगम दिल्ली से संबंध रखती थी और अत्ताउल्लाह खान उस वक्त के ओल्ड पेशावर वैली से। मधुबाला अपने माता-पिता की 11 संतानों में से पांचवें नंबर पर आती थी।

उनके पिता पाकिस्तान के खैबर पख्तून के रहने वाले थे यानी ओल्ड पेशावर वैली। जिसे स्वावी भी कहा जाता है। एक किताब है जिसमें इसका जिक्र भी किया गया है। उस किताब का नाम है ‘स्वावी की शख्सियत’ ।

शुरुआती दौर में उनके पिता एक ऐसी व्यवसायी के पास काम करते थे जिनका मिट्टी के बर्तनों का बिजनेस था। वो बहुत से बेचने वालों के साथ मिलकर रावलपिंडी और पंजाब के शहरों तक पहुंचा करते तथा मिट्टी के बर्तन को बेचा करते।

बाद में इनकी नौकरी एक तंबाकू की कंपनी में लग गई जिसका नाम था ‘इंपीरियल टोवैको कंपनी पेशावर’। लेकिन कुछ ही दिनों में इनकी वो नौकरी भी छूट गई। तो घर चलाना मुश्किल सा होने लगा।

आर्थिक समस्याओं के कारण इन्होंने अपना रूख दिल्ली की ओर की। और पूरे परिवार को लेकर अत्ताउल्लाह खान दिल्ली आ गये। दिल्ली पहुंच कर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सबसे पहले उन्होंने रिक्शा चलाना शुरु किया।

उन्हीं दिनों अत्ताउल्लाह खान की मुलाकात हुई एक ज्योतिषी से हुई। उस ज्योतिषी को कश्मीर वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने मधुबाला के बारे में एक भविष्यवाणी कर दी कि तुम्हारी लड़की बहुत ही दौलत और शोहरत पायेगी। देश विदेश में इसका काफी नाम होगा। 

मुमताज जहां देहलवी एक नायाब हीरा है जो इस धरती पर बहुत कम ही जन्म लेता है। उस ज्योतिषी की बात सिद्ध हो गई। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला का शुरूआती करियर Biography of Madhubala in hindi 

एक बार बेबी मुमताज को दिल्ली आकाशवाणी केंद्र में जाने का मौका मिल गया। उन दिनों आकाशवाणी में बच्चों के ऊपर एक कार्यक्रम हुआ करता था जिसका नाम था निशाना और श्रृंगार। कार्यक्रम को प्रस्तुत करते थे संगीतकार खुर्शीद अनवर।

जिस दिन बेबी मुमताज का कार्यक्रम होना था, उसी दिन संगीतकार मदन मोहन के पिता रायबहादुर चुन्नीलाल भी दिल्ली आए हुए थे। उन्होंने बच्चों के कार्यक्रम में इस दमकती सी अप्सरा बेबी मुमताज को देखा।

रायबहादुर चुन्नीलाल इनसे काफी प्रभावित हो गए। वो उस समय मुंबई टॉकीज के जनरल मैनेजर हुआ करते थे। उन्हीं दिनों मुंबई टॉकीज में फिल्म ‘बसंत’ की तैयारी चल रही थी। जिसमें अभिनेता उल्हास के साथ मुमताज शांति नाम की अभिनेत्री लीड रोल में थी।

 इस ‘बसंत, फिल्म के लिए कोई छोटी सी लड़की की तलाश वो कर रहे थे। उन्होंने बेबी मुमताज को बहुत पसंद किया और फिर सीधा बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी से उन्हें मिलवाया। देविका रानी ने जब नन्हीं मुमताज को देखा तो वह भी इनकी दीवानी हो गई। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

 इस तरह से मुमताज यानी मधुबाला को पहली फिल्म मिल गई। वह साल था 1942 । और फिल्म का नाम था ‘बसंत’। यह फिल्म एक तरीके से इस परिवार के लिए बसंत बनकर आई, क्योंकि जब किसी की आर्थिक स्थिति खराब हो और उसे डेढ़ ₹100 महीना उस वक्त मिल जाए तो परिवार खुश होकर झूमना ही था।

इस फिल्म में मधुबाला को ऐसी बालिका का रोल मिला जो कि अपने अलग हुए माता पिता को करीब लाने का काम करती है। इस फिल्म का एक गाना तो इतना हिट हुआ कि पूछिए मत। गाने के बोल थे ‘तेरी छोटी सी मन में छोटी सी दुनिया’ और इस गाने को खुद मधुबाला ने गाया था। मधुबाला ने इसी फिल्म में एक और गाना गाया जिसके बोल थे ‘हमको है प्यारी हमारी गलियां’।

गौर करने वाली बात यह भी है कि बसंत उस समय की यानी 1942 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई थी। अब अत्ताउल्लाह खान को लगा कि मुझे दिल्ली से मुंबई की ओर चला जाना चाहिए। सो वे पूरे परिवार को लेकर सीधा मायानगरी मुंबई में आ गए।

आते ही भिवंडी में एक छोटी सी जगह पर मधुबाला के पिता और उनका परिवार रहने लग गये। मुंबई में आने के बाद तो अत्ताउल्लाह खान की सारी उम्मीदें नन्हीं मधुमाला पर ही आकर टिक गई थी।

उस वक्त मधुबाला मात्र 9 साल की थी। पिता अत्ताउल्लाह खान के साथ काम की तलाश में वह अपने नन्हे कदम लिए स्टूडियो दर स्टूडियो चक्कर लगाया करती थी। वह दौर नन्हीं मधुबाला के लिए संघर्ष वाले दिन थे।

बेबी मधुबाला अपने पिता का हाथ थामे स्टूडियो दर स्टूडियो जाती रही। इस दौरान कई बार भूखे भी रहना पड़ा। कई रात सड़कों पर भी गुजारनी पड़ी।Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

आखिरकार उनकी यह मेहनत एक दिन रंग लाई। और रंजीत स्टूडियो के लकी हीरो मोतीलाल ने इनको एक जगह परिचय करवाया। वहां पर नन्हीं मधुबाला का मानो इंटरव्यू सा हो गया।

इनसे पूछा कि क्या गाना गाना आता है? तब बड़े ही आत्मविश्वास के साथ मधुबाला ने कहा ‘हां’ आता है। और इस तरह से मधुबाला का गाना शुरू हो गया।

एक दिन मधुबाला ने गाते गाते अचानक गाना बंद कर दिया। संगीत साजिंदो को लगा कि शायद यह बच्ची हमारे इंस्ट्रूमेंट्स को देखकर घबरा गई है। पर मुमताज जहान देहलवी दहली नहीं थी।

वह तो असल में इसलिए रुक गई थी की तबले और मुमताज की ताल नहीं मिल पा रही थी। तबलची परेशान हो रहा था। तब बेबी मुमताज ने डपट कर कह दिया। मैं जैसा गाती हूं वैसे ही ताल आपको मिलानी पड़ेगी। मैं आपके तबले के हिसाब से अपनी ताल थोड़े न बदलूंगी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

इसी अंदाज के कारण रंजीत स्टूडियो में उन्हें काम मिल गया। काम भी मिला तो पूरे ₹300 महीने की नौकरी पर। और इस तरह से 1944 में आई मुमताज महल फिल्म।1945 में आई धन्ना भगत फिल्म।

1946 में बेबी मुमताज की कई और फिल्में आई जिसमें पुजारी, फुलवारी, वीर राजपूतानी, नामक फिल्में प्रमुख हैं। फुलवारी उस साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी।

बाल कलाकार के रूप में उनकी आखिरी फिल्म की बात करें तो वह थी वीर राजपूतानी। उनके कई दोस्त भी बनते चले गए। और उस समय दोस्त बनी थी बेबी महजबीन। बेबी महजबीन भी काम की तलाश में स्टूडियो के चक्कर लगाया करती थी। आगे चलकर बेबी महजबीन बन गई थी मीना कुमारी। और बेबी मुमताज बन गई मधुबाला।

मधुबाला का स्टारडम (Madhubala stardome)

गौरतलब यह भी है की मधुबाला ने मीना कुमारी को हमेशा ही पसंद किया। मधुबाला का कहना था कि मीना कुमारी एक अनोखी आवाज की मल्लिका हैं, जो किसी के पास भी नहीं है।

मधुबाला की जीवन की गाड़ी फिल्मों में तो चल पड़ी थी। पर संघर्ष की गाड़ी अभी भी थमी नहीं थी। साल 1944 में हुआ डॉग पर धमाके वाला हादसा जिसकी वजह से इनका पूरा घर तबाह हो गया। लेकिन गनीमत यह रही इनका परिवार वहां किसी लोकल सिनेमा हॉल में फिल्म देखने गया हुआ था। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

अत्ताउल्लाह खान की जीवन की पटरी थोड़ी संभलने ही वाली थी लेकिन इतने बड़े हादसे ने उन्हें डगमगा दिया। इतना ही नहीं मधुबाला ने अपने पांच बहन और भाइयों को भी छोटी उम्र में ही खो दिया। मधुबाला की बहन मधुभूषण ने बताया कम उम्र में उनके भाई की मृत्यु हो गई थी।

इनके पिता अत्ताउल्लाह खान साहब के पास उस वक्त कफन तक के पैसे नहीं थे। मधुबाला के परिवार की स्थिति और दुखों ने मधुबाला को छोटी उम्र से ही यह एहसास दिला दिया था कि अब तुम बड़ी हो गई हो और अपने परिवार का भरण पोषण अब तुम्हारी ही जिम्मेदारी है।

उनके पिता हमेशा से उन्हें रूढ़िवादी सोच के कारण घर में ही रहने की सलाह देते थे। जिस कारण वे स्कूल नहीं जा पाई। लेकिन मधुबाला के पिता ने स्कूल को ही घर पर बुला दिया। मधुबाला की इच्छा थी कि वह अंग्रेजी सीखें।

वैसे वो हिंदी और उर्दू बहुत अच्छे से जानती थी। लेकिन जब इंग्लिश में हाथ तंग लग रहा था तो पिता ने घर पर इंग्लिश की क्लास लगावाई। ट्यूशन में ऐसी इंग्लिश सीखी कि इंग्लिश फरार्टे दार बोलने लगी। साथ ही वह इतनी होनहार थी कि मात्र 12 साल की उम्र में आते आते उन्होंने फरार्टे दार गाड़ी चलाना भी सीख लिया। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

गौरतलब यह भी है कि जिम्मेदार और आज्ञाकारी मधुबाला इश्क में भी पड़ चुकी थी। जब वो दिल्ली शहर में थी तभी उन्होंने अपना दिल एक लड़के को दे दिया था। और उस लड़के का नाम था लतीफ। मुंबई रवाना होने से पहले मधुबाला ने उस आशिक को एक लाल गुलाब भेंट किया था। लतीफ ने वह गुलाब हमेशा अपने दिल से लगा कर रखा। और आगे चलकर लतीफ बन गए एक आईएएस ऑफिसर।

मुंबई में फिल्मों में काम मिलता चला गया। और वह सौंदर्य की देवी ‘वीनस’ के नाम से जानी जाने लगी। मधुबाला के पिता ही मधुबाला के मैनेजर बन गये। और इस तरह मात्र 14 साल की उम्र में बन गई सिल्वर स्क्रीन पर अभिनेत्री, लीड एक्ट्रेस और नायिका।

लेकिन फिल्म में नाम इतना आसान नहीं था। ये उन दिनों की बात है जब एक फिल्म बन रही थी नीलकमल। इस फिल्म से जुड़ा एक रोचक किस्सा है।

ओरिएंटल फिल्म कंपनी अपनी पहली ही फिल्म बना रही थी। और उस फिल्म का नाम था नीलकमल। तैयारियां चल रही थी। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थी बेगम पारा जो कि दिलीप कुमार के भाई नासिर की पत्नी थी और कमला चटर्जी, जो उस फिल्म की दूसरी अभिनेत्री थी।

कमला चटर्जी ने गुपचुप से शादी कर ली थी फिल्म निर्देशक केदार शर्मा के साथ। लेकिन फिल्म में काम करने से पहले ही कमला चटर्जी बीमार होने लगी। बीमार भी इतनी हुई कि मौत के कगार तक पहुंच गई।Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

तब उन्होंने केदार शर्मा से वचन लिया कि अगर नीलकमल में मेरी जगह कोई भूमिका निभाएगा तो वह होनी चाहिए बेबी मुमताज। इस पर केदार शर्मा ने उन्हें वचन दे दिया। लेकिन रंजीत स्टूडियो के मालिक चंदूलाल शाह को यह बात नागवार गुजरी।

चंदूलाल शाह ने उनसे पूछ लिया कि फिल्म में कलाकार कौन कौन हैं। तब इन्होंने कहा राजकुमार, बेगम पारा और मुमताज। चंदूलाल शाह को लगा कि यह बात मुमताज शांति की हो रही है। लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला कि फिल्म में बेबी मुमताज को अभिनेत्री के तौर पर लिया जा रहा है और उसकी उम्र सिर्फ 14 साल है, तो वह गुस्से से आगबबूला हो गए।

केदार शर्मा पर भड़कते हुए बोले ‘क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है’। बच्ची को अभिनेत्री बनाओगे? तुमने मुझे धोखा दिया है। और फिर केदार शर्मा ने कहा मेरा विश्वास करें यह छोटी लड़की अच्छे से भूमिका निभा लेगी। पर चंदूलाल ने चीखते हुए कह दिया ‘भाड़ में जाए तुम्हारा विश्वास और तुम’। मुझे मेरे ₹75000 वापस कर दो।Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

तब केदार शर्मा ने अपनी संपत्ति, बीवी के गहने और कीमती सामान गिरवी रखकर ₹75000 चुका दिए। और हमेशा के लिए रंजीत स्टूडियो से अलग हो गए‌। लेकिन नीलकमल का ख्याल उनके दिल में अभी भी बसा हुआ था।

आखिरकार यह फिल्म बन कर तैयार हो गई। और पहली बार बेबी मुमताज जहां देहलवी बनी मुमताज। और दुनिया के दिलों पर उन्होंने जादू कर डाला।

मधुबाला के साथ बतौर अभिनेता नजर आए राज कपूर। राज कपूर की भी यह पहली फिल्म थी। राज कपूर ने जब पहली बार मधुबाला को देखा तो वो भी देखते रह गए। राज कपूर कहते थे कि मधुबाला को खुद ईश्वर ने अपने हाथों से तराशा है।

 यह बात सच भी है कि जैसे ही 1947 में नीलकमल फिल्म प्रदर्शित हुई, तो मधुबाला को लोगों ने देखा और देखते ही उनकी खूबसूरती में खो गए। और उन्हें नाम मिला सौंदर्य की देवी।

ऐसा भी कहा जाता है कि जब केदार शर्मा ने पहली बार मधुबाला को देखा था तो वो भी देखते ही रह गए थे। और यहां यह भी गौरतलब है लेखक केदार शर्मा ने इस फिल्म की पटकथा तो लिखी ही थी लेकिन साथ ही-साथ निर्माण और निर्देशन का काम भी किया था।

उनका जो विश्वास था मधुबाला के हुनर और उनकी खूबसूरती पर वह सही साबित हुआ। मधुबाला दिखने में तो खूबसूरत थी ही बल्कि दिल की भी बहुत हसीन थी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

कहा जाता है कि मधुबाला जब फिल्म के सेट पर होती थी तो हर किसी के चेहरे पर एक खुशी का आलम हुआ करता था। एक अजीब सा आकर्षण था जिसमें हर कोई कैद हो जाया करता था। और हंसमुख तो इतनी थी कि एक बार सेट पर हंसना शुरू कर दें तो उन्हें रोक पाना बड़ा ही मुश्किल होता था।

‘नीलकमल’ फिल्म में मधुबाला के अभिनय को बहुत सराहा गया। खुद फिल्म के लेखक निर्माता-निर्देशक केदार शर्मा मधुबाला के लिए नीलकमल की शूटिंग के दौरान हुए कुछ अनुभवों को हमेशा शेयर करते रहे। उनका कहना था कि मुझे ना तो उसका रूप दिख रहा था और ना ही उस लड़की की कच्ची प्रतिभा। मुझे तो उसके बुद्धिमानी और कठिन परिश्रम ने काफी प्रभावित किया था।

मधुबाला मशीन की तरह काम करती रही बिना रुके, बिना थके। कभी सेट पर खाना खाने को चुक जाती। तो कभी मलाड़ से दादर थर्ड क्लास के डिब्बे में बैठकर आती। लेकिन कभी लेट नहीं होती और ना ही कहीं पर अब्सेंट हुआ करती। इतनी सी कम उम्र में उन्होंने परिवार के पूरे कर्तव्य निभाए और एक आज्ञाकारी बेटी बनी।

राज कपूर और मधुबाला की आगे जो फिल्में आई उनमें ‘चित्तौड़’, ‘अमर प्रेम’, ‘दिल की रानी’ और ‘दो उस्ताद’ थी। नीलकमल के बाद तो मधुबाला के पास फिल्मों की झड़ी सी लग गई थी।

‘चित्तौड़ विजय’, ‘दिल की रानी’ और ‘मेरे भगवान’ इस तरह से चार फिल्में 1947 में आई। 1948 में भी कई फिल्में आई जिनमें कुछ फिल्में फ्लॉप साबित हुई। कारण थे उनके पिता।

उनके पिता हमेशा हर फिल्म का चुनाव कर लिया करते थे, क्योंकि वह चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाया जाए। क्योंकि परिवार का पालन पोषण करना है। और वो चाहते थे कि मधुबाला के लिए फिल्म में चाहे कैसा भी रोल क्यों न हो, बस मौका मिल जाए, काम मिल जाए। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

फिल्म असफल हो या सफल हो इससे कोई लेना-देना नहीं होता था। पर मधुबाला ने भी कभी हार नहीं मानी। पिता के कहते वह फिल्मों में काम करती रही।

मधुबाला और कमाल अमरोही का प्यार

फिर आया साल 1949। बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले बनी फिल्म महल, जिसके निर्माता थे फिल्म अभिनेता और निर्माता अशोक कुमार। इस फिल्म ने मधुबाला को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया। महल फिल्म में बनकर आई महलों की रानी।

हालांकि इस फिल्म के लिए पहले सोरैया का चुनाव हुआ था, परंतु जब स्क्रीन टेस्ट हुआ तो मधुबाला को ही सिलेक्ट किया निर्देशक कमाल अमरोही ने। रहस्य रोमांच से भरी पूरा फिल्म सुपर डुपर हिट रही। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

इसी के साथ बॉलीवुड में हॉरर और सस्पेंस फिल्मों का दौर शुरू हो गया। और 1949 में आई इस फिल्म महल के साथ ही इनका नाम भी बदल दिया गया‌। ये मुमताज से बन गई मधुबाला। मधुबाला नाम ऐसा पड़ा कि पूरी दुनिया में मशहूर हो गया।

इसी के साथ ये 1950 के दशक की सबसे अधिक कमाई करने वाली तथा सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री बन गई। फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने मधुबाला को ही नहीं बल्कि निर्देशक कमाल अमरोही और लता मंगेशकर को भी फिल्मों में स्थापित कर दिया। इस फिल्म की गीत ‘आएगा आने वाला’ जो आज भी बहुत पसंद किया जाता है।

‘महल’ फिल्म की कामयाबी के साथ ही मधुबाला की जिंदगी में एक और किस्सा जुड़ गया। जब ‘महल’ की शूटिंग कर रही थी तब कमाल अमरोही और मधुबाला के दिल एक दूसरे के लिए धड़कने लगे थे।

गौरतलब बात यह भी रही कि अताउल्लाह खान साहब इस बात से वाकिफ थे। उन्हें इस शादी से कोई एतराज भी नहीं था। कमाल अमरोही पहले से ही शादीशुदा थे। पर मधुबाला ये रिश्ता किसी और पत्नी के साथ साझा नहीं करना चाहती थी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

वहीं कमाल अमरोही भी अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे पा रहे थे। इसी कसम कस के बीच मधुबाला और कमाल अमरोही का प्यार परवान चढ़ने से पहले ही खत्म हो गया।

1949 में फिर मधुबाला की ‘दौलत’ और ‘अपराधी’ फिल्म आई। 1950 से 1951 के बीच ‘प्रदेश’, ‘निशाना’, ‘हंसते आंसू’, ‘बेकसूर’, ‘मधुबाला’, ‘तराना’, ‘नादान’, ‘बादल’ नामक फिल्में आई। वहीं 1952 से 1954 तक ‘शाकी’, ‘संगदिल’, ‘रेल का डिब्बा’, ‘अरमान’ जैसी कई फिल्मों में उनका अभिनय काबिले तारीफ रहा।

मधुबाला ने अपने अभिनय और सौंदर्य के ऐसे करिश्मा पेश किए कि नीलकमल फिल्म बनते समय मधुबाला को लेने से जो नाराज थे चंदूलाल शाह उनको भी इनकी प्रतिभा का एहसास हो गया था। ₹75000 वापस मांगने वाले चंदूलाल शाह मधुबाला के सौंदर्य और प्रतिभा के ऐसे कायल हुए कि उन्होंने मधुबाला के नाम से ही फिल्म बना डाली।

यही नहीं मधुबाला की फिल्म ‘हंसते आंसू’ भी अपने आप में एक कमाल का किस्सा लिए हुए हैं। यह फिल्म भारतीय सिनेमा की पहली ‘A’ सर्टिफिकेट पाने वाली फिल्म थी। जिसे सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया और कहा यह एडल्ट फिल्म है।

इस फिल्म में अभिनेत्री थी मधुबाला। फिल्म जब रिलीज हुई तब मधुबाला को यह फिल्म देखने से रोक दिया गया। क्योंकि जब रिलीज हुई थी तो कहा गया आप नाबालिग हैं अभी आपकी उम्र सिर्फ 17 साल है। आप यह फिल्म नहीं देख सकते। मधुबाला की जीवनी Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला के चर्चे ऐसे थे कि हर निर्देशक उन्हें अपने फिल्म में लेना चाहता था। कोई भी अभिनेता उनके साथ काम करने को बेताब रहा करता था। बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड भी मधुबाला की खूबसूरती से अछूता नहीं रहा।

उन्हें बॉलीवुड की ‘मर्लिन मुनरो’ कहा जाने लगा। वहीं वह पहली ऐसी बॉलीवुड अभिनेत्री बनी जिन्हें इंटरनेशनल मैगजीन में वोल्ड फोटो सुट भी करवा लिया। और सिनेमा की पुरानी रूढ़ियों को तोड़ डाला।

जब जाने-माने फोटोग्राफर ‘जेम्स वर्क’ ने भारत का दौरा किया तो उन्होंने मधुबाला की बहुत सी तस्वीरें खींच डाली। और अपनी लाइफ मैगजीन में प्रकाशित किया। मैगजीन में इंटरनेशनल फिल्म इंडस्ट्री का जिक्र हुआ और लिखा गया ‘द बिगेस्ट स्टार मधुबाला’।

1952 के अगस्त में थिएटर आर्ट मैगजीन में पूरे पेज पर मधुबाला की तस्वीर भी छपी। और तस्वीर के साथ शीर्षक दिया गया ‘दुनिया का सबसे बड़ा सितारा’ जो बेवर्ली हिल्स में नहीं है।

हॉलीवुड के निर्देशक ‘कापरा’ मधुबाला की ख़ूबसूरती को देखकर अचंभे में पड़ गए। पर मधुबाला की जिंदगी और रियल में तो अत्ताउल्लाह खान सबसे बड़ा नाम थे। उन्होंने हॉलीवुड के लिए मना कर दिया। और यह कहते हुए मना कर दिया कि मधुबाला को छूरी और कांटे से खाना खाने नहीं आता, इसलिए विदेश नहीं जाएगी।

मधुबाला जहां अपना लोहा दुनिया से मनवा चुकी थी, वहीं वह अपने अंदर एक साधारण सा जीवन जी रही थी। मधुबाला कहती थी मुझे नहीं पता कि पैसा कहां खर्च करना है‌। मुझे ज्वेलरी और कपड़ों का शौक कभी नहीं है। मैं घूमना फिरना पसंद नहीं करती। और ना ही बाहर आती जाती हूं। ऊपर वाले की कृपा से जीवन की सभी खुशियां अपने घर में ही पूरी हो जाती है। और मैं यहीं पर खुश हूं। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला का मन भी उनकी खूबसूरती की तरह बिल्कुल पाक था। 1950 में पूर्वी बंगाल के शरणार्थियों के लिए उस वक्त ₹50000 का दान दिया था।

अभिनेता प्रेमनाथ और मधुबाला की प्रेम कहानी (Madhubala and premnath)

1950 में मधुबाला ने फिल्म ‘बादल’ साइन की थी। इसमें उनके अभिनेता प्रेमनाथ थे। शूटिंग के दौरान ही दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगी। उस समय मधुबाला का कैरियर टॉप पर था। उन्होंने प्रेमनाथ से दिल से प्यार किया था।

प्रेम नाथ का भी मधुबाला पर अगाध प्रेम था। यह प्रेम इतना गहरा हो गया था कि प्रेमनाथ को निर्देशक अगर किसी फिल्म में लेना चाहते तो बस एक मात्र सिफारिश चाहिए होती थी, और प्रेम नाथ वो फिल्म कर लेते थे। यह उनका प्रेम विश्वास था।

दोनों शादी भी करना चाहते थे। पर धर्म अलग अलग होने से ऐसा नहीं हो पाया। लेकिन आगे चलकर प्रेमनाथ ने उस समय की मशहूर अभिनेत्री बिना रॉय से शादी कर ली थी। इस बात से मधुबाला को गहरा सदमा लगा। और सदमे में वह प्रेम नाथ को कह बैठी कि ‘मेरे प्यार को तुम उपेक्षा करके प्रेम विवाह कर रहे हो, तुम्हारा यह विवाह कभी सफल नहीं होगा’। और हुआ भी यही। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

प्रेमनाथ और बिना रॉय की कभी पटरी नहीं बैठी। और प्रेमनाथ भी मधुबाला को बहुत याद करते रहे। वे बहुत शराब पीने लगे। और जब मधुबाला को यह पता चला कि प्रेमनाथ शराब पीने लगे हैं, तब दिल की खूबसूरत मधुबाला ने कह दिया ‘प्रेम’ आज के बाद तुमने अगर शराब पी तो मेरा खून पियोगे।

इसके बाद प्रेमनाथ ने 14 साल तक शराब को कभी हाथ नहीं लगाया। फिल्म ‘बादल’ से प्रेमनाथ उनकी जिंदगी में आए और फिल्म ‘साकी’ वह फिल्म थी जिससे वह लौट गए। और उनका यह रिश्ता सिर्फ 6 महीने ही चल पाया।

लेकिन यहां यह बात भी सच है कि जिंदगी किसी के लिए रुकती नहीं। 17 साल की मधुबाला का दिल टूट तो गया था पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। एक नई सुबह के साथ उन्होंने नई जिंदगी की फिर से शुरुआत की। और अपनी फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त हो गई।

मधुबाला की खूबसूरती के लिए कहा जाता था, कि वह इस कदर खूबसूरत थी कि शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि उस समय के कैमरों से मधुबाला की खूबसूरती का सिर्फ 2% हिस्सा ही हम देख पाते हैं। असली खूबसूरती का 98% वह कैमरा दिखा ही नहीं पाए।

मधुबाला उस वक्त लोगों के लिए बहुत बड़ा आकर्षण थी। शूटिंग के वक्त लोग फाटक तक में अपने आप को फसाने के लिए तैयार हो जाते थे। बस एक झलक मधुबाला की दिख जाए। बॉडीगार्ड रखने का फैशन भी मधुबाला ने ही चलाया था। सबसे पहले उन्हीं के लिए बॉडीगार्ड रखे गए थे। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

एक वक्त ऐसा आया जब एक फिल्म की शूटिंग के दौरान बाला साहब ठाकरे ने मधुबाला को देखा तो देखते ही रह गए। उनके मुंह से भी यही निकला की ‘खूबसूरती इतनी भी ज्यादा हो सकती है क्या?’ और ऐसा ही कुछ शम्मी कपूर के साथ भी हुआ।

उन्होंने फिल्म ‘रेल का डिब्बा’ में मधुबाला के साथ काम किया था। और जब शूटिंग शुरू हुई तो मधुबाला को देखकर वे डायलॉग भूल जाते थे। मधुबाला को भी यह बात पता थी।

वह बड़ी ही सादगी के साथ शम्मी कपूर की मदद किया करती थी। पर शम्मी कपूर उनके तरफ ज्यादा आकर्षित हुए जा रहे थे। और उनसे एक तरफा प्यार करने लगे थे। इतना ही नहीं शम्मी कपूर ने अपनी बायोग्राफी ‘शम्मी कपूर द गेम चेंजर’ में लिखा है।

मैं जानता था कि मधुबाला किसी और के प्यार में हैं, लेकिन उसके बाद भी मैं उसे स्वीकार करना चाहता था। मैं उनसे पागलों की तरह प्यार करने लगा था। इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता। क्योंकि मैंने उनसे खूबसूरत औरत कभी देखा ही नहीं।

मधुबाला अभिनय के लिए इतनी समर्पित थी, कि जब 1954 में मशहूर फिल्मकार विमल रॉय ‘विराज बहू’ बनाने की योजना बना रहे थे।  तब वह मधुबाला को इस फिल्म में लेना चाहते थे। लेकिन मधुबाला की हाई प्राइस रेट को देखकर उन्होंने अपना यह ख्याल दिल से निकाल दिया। उस समय की स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस कामिनी कौशल को फिल्म में साइन कर लिया।

जब यह बात मधुबाला को पता चली, तो इन्होंने फिल्म के निर्माता निर्देशक को कहा – मैं आपके फिल्म में साइनिंग अमाउंट सिर्फ एक रुपए लेकर भी इस फिल्म में काम करने को तैयार हो सकती हूं। लेकिन इसमें मधुबाला ने काम नहीं किया। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला को निर्देशक और अभिनेता ही पसंद नहीं करते थे बल्कि गीत लिखने वाले और गीत गाने वाले भी उनके दीवाने थे। उनके दीवानों में आशा भोसले, लता मंगेशकर का भी नाम आता है। मधुबाला पर फिल्माए गए ज्यादातर गाने इन्हीं लोगों ने गाये हैं।

मधुबाला का एक और दिलचस्प किस्सा है फिल्म ‘शाकी’ का। उस फिल्म के दौरान इनको को डांस सिखा रहे थे नृत्य सम्राट गोपी कृष्ण। वे एक बहुत ऊंचे दर्जे के ब्राह्मण थे, लेकिन वह भी मधुबाला के हुस्न के चपेट में आए बिना नहीं रह पाए।

उनका मधुबाला से कोई प्रेम संबंध नहीं था। लेकिन फिल्म में जब डांस सिखा रहे थे, तो इनकी खूबसूरती के दीवाने हो गए। ब्रेक टाइम में जब मधुबाला ने उन्हें नाश्ता ऑफर किया तो वह मधुबाला को देखते देखते इतने अभिभूत हो गए कि चिकन और मटन भी खा गये।

नॉनवेज तो खा चुके थे, लेकिन उन्हें पता ही नहीं था। जब सेट पर कुछ लोगों ने मधुबाला से पूछा कि आप ने उन्हें क्या खिला दिया? तब मधुबाला ने मासूमियत के साथ कहा कि मैंने जो खाया वहीं उन्हें खिलाया। तब नॉनवेज का गोपी कृष्ण को पता चला, तो वे बेचैन हो उठे।

मधुबाला को यह सोचकर बहुत रोना आने लगा। वह कहने लगी कि मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। मधुबाला बहुत ही नरम दिल की अदाकारा रहीं हैं‌। मधुबाला के बारे में एक बात यह भी मशहूर है कि वह अपने वक्त की बड़ी पाबंद थी। वह कभी भी सेट पर लेट नहीं पहुंचती थी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

अगर शूटिंग शुरू होने में थोड़ी देर रहती, तो सेट पर ही इधर-उधर घुमा करती। और अगर कोई उनसे कहता कि मैडम आप जाकर कमरे में आराम कर लीजिए तब वह कहती थी क्या मेरा आदत बिगाड़नी है। मैं तो ऐसी ही हूं और ऐसी ही रहूंगी।

स्वाभिमान की ऐसी खरी थी मधुबाला। एक बार फोटोग्राफर धर्म चोपड़ा ने 12 फोटो खींचकर मधुबाला को गिफ्ट की। तब मधुबाला ने मुफ्त में लेने से इनकार कर दिया। उनसे पूछा की इसकी कीमत बताइए। धर्म चोपड़ा ने मजाक में कह दिया कि देना ही है तो हर एक फोटो के ₹100 देने होंगे। मजाक पूरा भी नहीं हुआ था कि मधुबाला ने उन्हें 1200 रूपए पकड़ा दिए। यह थी मधुबाला की खासियत।

गौरतलब यह भी है कि मधुबाला को जानवरों से बड़ा लगाव था। वे कुत्ते को पालने की बड़ा शौकीन थी। उन्होंने अपने घर में 18 कुत्ते पाल रखे थे।

साल था 1954 और फिल्म की शूटिंग चल रही थी। फिल्म का नाम था ‘बहुत दिनों’। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही मधुबाला को खून की उल्टि हो गई। जिसकी खबर आग की तरह पूरी फिल्म इंडस्ट्री में फैल गई।

हालांकि मधुबाला के बेहतरीन अदाकारी और काम के प्रति लगन ने लोगों के हर सवाल का जवाब बिना कुछ कहे ही दे दिया था। वह अपनी लगन से बिना कुछ कहे अपना काम करती रही। लेकिन इसके बाद उन्हें बॉक्स ऑफिस प्वाइजन का लेवल मिल गया। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

इसके साथ ही इनकी बीमारी बढ़ती रही। 1955 की फिल्म ‘मिस्टर और मिसेज 55’ में तो कमाल ही कर दिया। यह फिल्म गुरु दत्त के साथ की ऐसी फिल्म थी, जो आज भी यादगार है। उनका अभिनय इतना कमाल का रहा कि लोग देखते ही रह गए।

आगे चलकर मधुबाला निर्माता भी बन गई। उन्होंने तीन फिल्मों का निर्माण किया। और वो थी ‘नाता’ जो 1955 में आई। 1960 में फिल्म ‘महलों की ख्वाब’ और 1962 में फिल्म ‘पठान’ आई। आगे चलकर लाखों दिलों की मुस्कान, अपने जिंदगी में कई आयामों को हासिल करने वाली मधुबाला, किसी और की शर्मीली मुस्कान में गिरफ्त हो गई। वह मुस्कान थी दिलीप कुमार की।

दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी (Madhubala and Dilip Kumar)

सुनहरे पर्दे पर ऐसी जोड़ी, जिन्होंने पर्दे पर सलीम और अनारकली के किरदार को जीवंत किया था। इन दोनों ने ऐसा किरदार निभाया कि कहीं भी अगर जन्नत में सलीम और अनारकली होंगे, तो वह भी हैरान हो गए होंगे उनके अभिनय की प्रतिभा को देखकर।

अब बात फिल्म ‘तराना’ की करते हैं। उसी फिल्म के सेट पर दिलीप कुमार और मधुबाला की पहली मुलाकात हुई थी। शूटिंग के सिलसिले शुरू हुए और मिलना जुलना, बातें करना शुरू हुआ। मधुबाला को पता भी नहीं था, कि कब वह दिलीप कुमार की शर्मीली मुस्कान की गिरफ्त में आ चुकी हैं।

इश्क में गिरफ्तार मधुबाला ने गुलाब का एक फूल एक दिन दिलीप कुमार को भिजवा दिया। साथ ही लिख दिया कि अगर आपको मुझसे मोहब्बत हो, इकरार हो, तो इन गुलाबों को कुबूल फरमाइएगा। इसके बाद दिलीप कुमार ने भी अपनी शर्मीली मुस्कान में इश्क की रजामंदी दे दी। मBiography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

दिलीप कुमार अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर अक्सर मधुबाला की शूटिंग में पहुंच जाते थे। बॉलीवुड की गलियों में इनके प्रेम की हवाएं चलने लगी। सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। दोस्तों, mughal-e-azam भले ही रिलीज हुई 1960 में, लेकिन उसकी शूटिंग 1950 के दशक से ही शुरू हो चुकी थी।

मधुबाला की बहन मधुभूषण के मुताबिक मधुबाला और दिलीप कुमार की सगाई भी हो चुकी थी। दिलीप कुमार की बड़ी बहन सकीना आपा मधुबाला के घर रस्मी तौर पर चुनरी लेकर पहुंची थी। पर एक दिन सब सही होते होते बात बिगड़ गई।

हुआ यूं कि सन 1956 में निर्माता-निर्देशक बी आर चोपड़ा ने अपने फिल्म ‘नया दौर’ की प्लानिंग की थी। फिल्म की सारी तैयारी हो चुकी थी। दिलीप कुमार के साथ मधुबाला को भी कास्ट किया गया था। शुरुआत बहुत अच्छी साबित हुई। फिल्म शूट होना भी शुरू हो गई।

10 दिनों तक शूटिंग मजे मजे में हो गई। फिर बात आई आउटडोर शूटिंग की, जो होनी थी भोपाल के पास बुधनी कस्बे में‌। जहां पर 2 महीने चलनी थी यह शूटिंग। लेकिन बी आर चोपड़ा की आउटडोर शूटिंग से अत्ताउल्लाह खान सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि शूटिंग तो मुंबई में भी की जा सकती है।

गुस्से में आकर चोपड़ा साहब ने मधुबाला की जगह वैजयंती माला को फिल्म में साइन कर लिया और मधुबाला को फिल्म से निकाल दिया। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

दिलीप कुमार इस पूरे मामले में बी आर चोपड़ा साहब के साथ खड़े नजर आए। क्योंकि दिलीप कुमार को भी लगता था कि अताउल्लाह खान अपनी जीद्द की वजह से मधुबाला को बाहर जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।

 यह बात भी जगजाहिर थी कि मधुबाला को कभी किसी सार्वजनिक कार्यों में, किसी भी फिल्म के प्रीमियर में भाग लेने की इजाजत नहीं दे रखी थी। अत्ताउल्लाह खान मधुबाला के सेट पर हमेशा वह मौजूद रहा करते थे। यही बात दिलीप कुमार को पसंद नहीं आती थी।

शायद इसी वजह से दिलीप कुमार बी आर चोपड़ा के साथ खड़े हो गए। वहीं मधुबाला के परिवार वालों का कहना था कि मधुबाला बीमार रहने लगी थी दिल में छेद होने की वजह से। इस बात को दुनिया के अलावा फिल्म इंडस्ट्री से भी छुपाया हुआ था।

आउटडोर में जाने से मधुबाला की तबीयत बिगड़ सकती थी। इसीलिए अत्ताउल्लाह खान ने मना किया था। पर बात इतनी आसानी से खत्म नहीं हुई।

चोपड़ा साहब ने वैजयंती माला को लेकर फिल्म का ऐलान एक अखबारी इश्तेहार के जरिए कर दिया। इस इश्तेहार में मधुबाला पर एक कट का निशान लगा दिया और उसकी जगह वैजयंती माला की फोटो छपवा दी।

अत्ताउल्लाह खान का भी खून खौल उठा। वह इस इश्तेहार को देखकर जवाब में उन्हें इश्तेहार दे दिया, जिसमें मधुबाला के तमाम फिल्मों के नाम देकर आखिर में ‘नया दौर’ पर वैसा ही कट का निशान लगा दिया।

इतना ही नहीं खान साहब ने अदालत में फिल्म की शूटिंग पर रोक लगाने के लिए केस भी दायर कर दिया। उधर बी आर चोपड़ा ने साइनिंग अमाउंट के तौर पर ₹30000 की वापसी के लिए भी केस लगा दिया उल्टा मधुबाला पर। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

बात जब कोर्ट में पहुंची तो दिलीप कुमार ने बी आर चोपड़ा का साथ दिया। दिलीप कुमार से सारे सवालों के साथ यह भी पूछा गया कि क्या वह मधुबाला से प्यार करते हैं? इस सवाल का पूछना भी लाजमी था, क्योंकि उस समय हर कोई इन दोनों के प्यार से वाकिफ था।

मजिस्ट्रेट आर एस पारिख की अदालत में सबके सामने दिलीप कुमार ने कहा ‘हां’ मैं मधुबाला से प्यार करता हूं, और करता रहूंगा। पर यह सबसे बड़ी बदकिस्मती रही कि दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच कोई झगड़ा ना होते हुए भी उनकी राहें अलग हो गई।

7 साल का गहरा प्यार कुछ ही दिनों में यूं बिखर जाएगा किसी ने सोचा भी नहीं था। मधुबाला की बहन मधुभूषण के अनुसार निर्देशको और फिल्म के दिग्गज लोगों द्वारा बी आर चोपड़ा और अताउल्लाह खान में सुलह करवा दी गई थी। मधुबाला को इस बात से बहुत बड़ा दुख लगा था, कि दिलीप कुमार ने उनके पिता का साथ ना देकर किसी और का साथ दिया।

मधुबाला ने दिलीप कुमार से कहा भी था कि उनके पिता से वह सॉरी बोल दें और गले लगा ले तो बात बन सकती है। मधुबाला ने यह भी कहा यह सिर्फ घर पर ही करना है। पर ऐसा करने के लिए भी दिलीप कुमार राजी नहीं हुए।

और महज एक सॉरी शब्द न बोलने के कारण इतनी बड़ी दूरी बन गई जो कभी मिट नहीं पाई। कई लोगों का यह भी कहना था कि अताउल्लाह खान मधुबाला की शादी नहीं करना चाहते थे। जरा सोचिए अगर ऐसा होता तो मधुबाला के पिता कमाल अमरोही के लिए भी ‘हां’ नहीं कहते। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

दिलीप कुमार और अत्ताउल्लाह खान की ऐसी नासमझी और ना देखने वाली जंग ने इनके रिश्तो में जंग लगा कर रख दी। दिलीप कुमार ने मधुबाला को यह तक कह दिया था कि वह अपने पिता के सारे रिश्ते खत्म कर दें, तो उनसे निकाह कर लेंगे। दिलीप कुमार का यह भी कहना था कि अत्ताउल्लाह खान ने खुद की एक फिल्म कंपनी बना ली थी।

 वह इन दोनों की शादी भी करवाना चाहते थे। साथ ही यह भी चाहते थे कि वह दोनों सिर्फ उनकी फिल्म कंपनी में ही काम करें। पर दिलीप कुमार को यह सौदा पसंद नहीं था। मधुबाला के लिए दिलीप कुमार ने कहा था कि वह एक आज्ञाकारी बेटी है, बहुत फेम है, बहुत सक्सेस है, बहुत पैसा है। पर इसके बावजूद वह अपने पिता के अंडर में काम करती हैं।

सबसे बड़ी कमी इनकी यह है कि वह अपने परिवार को कभी भी नहीं छोड़ सकती। और दूसरी तरफ मधुबाला को भी दिलीप कुमार के प्यार के आगे अपने पिता का दुलार ज्यादा पसंद था। वह मानती थी कि आज वो जो कुछ भी है, वह अपने पिता की वजह से ही हैं। इसीलिए उन्होंने अपने पिता की इज्जत की खातिर अपने प्यार को छोड़ दिया।

मधुबाला फिल्म मुग़ल-ए-आज़म में (Madhubala film mughal-e-azam)

mughal-e-azam फिल्म की शूटिंग खत्म होते होते इनके बीच इतनी दूरियां हो गई, कि साथ काम करते करते भी एक दूसरे से बात नहीं करते थे। आपस में दुआ सलाम भी बंद हो चुका था. दिलीप कुमार ने भी अपनी बायोग्राफी में इस बात का जिक्र किया है कि हम मुग़ल-ए-आज़म के लिए पर्दे पर अमर प्रेम निभा रहे थे, लेकिन असल जिंदगी में हमारे रिश्ते खत्म हो चुके थे।

मुग़ल-ए-आज़म के एक रोमांटिक सीन को तो फेवरेट रोमांटिक सीन गिना जाता है। जब सलीम की गोद में अनारकली सिर रखकर लेटी हुई है और उस्ताद तानसेन का आलाप चल रहा है। और सलीम अनारकली के चेहरे पर पंख घुमा रहा है। पर असल जिंदगी में उस वक्त बात तो छोड़िए हम रश्मी दुआ सलाम भी नहीं किया करते थे।

50 के दशक में ही मधुबाला की बीमारी का भी पता चल गया था। उनके परिवार ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया था कि यह बात इसलिए छुपाई गई, क्योंकि मधुबाला उस वक्त काफी फिल्में कर रही थी। अगर यह बात बाहर निकलती की मधुबाला के दिल में छेद है, तो मधुबाला के कैरियर को विराम लग सकता था।

कई निर्माता निर्देशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था। mughal-e-azam के शूटिंग के दौरान भी मधुबाला की तबीयत खराब रहा करती थी। पर उन्होंने इस बात का एहसास किसी को भी नहीं होने दिया। यहां तक कि मधुबाला अपनी नफासत और नजाकत को कायम रखने के लिए उबले पानी के सिवा कुछ भी नहीं पीया करती थी।

mughal-e-azam के शूटिंग के दौरान मधुबाला को कुएं और पोखर का गंदा पानी तक पीना पड़ा था। यही नहीं अनारकली बनी मधुबाला पर असल लोहे की जंजीरें लाद दी गई थी। ताकि सीन ओरिजिनल लगे। बीमारी की वजह से उन्हें ज्यादा तकलीफ हो रही थी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला की जगह जगह से स्किन भी छिल गई थी। पर वह हमेशा यही कहती थी कि मैं तकलीफ में हूं तो सहन कर जाऊंगी। पर अनारकली बनने का मौका बार-बार नहीं मिलेगा।

इसी फिल्म के शूटिंग के दौरान फिल्म के एक सीन में सलीम अनारकली को एक थप्पड़ मारता है। दिलीप कुमार ने ऐसा करारा तमाचा मारा था कि सेट पर मौजूद तमाम लोग हिल गए थे। मधुबाला को भी अपने को संभालने में वक्त लग गया था। रियल लाइफ में अधूरे प्यार की ऐसी हार थी जिसके कारण उन्हें खुद ही होश नहीं रहा और असल में उन्होंने मधुबाला को थप्पड़ मार दिया।

5 अगस्त 1960 में फिल्म रिलीज हुई। और mughal-e-azam फिल्म ने सफलता के कई आयामों को तोड़ दिया। यह फिल्म सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई। इस जोड़ी ने ‘तराना’ के बाद 1952 में ‘संगदिल’ और 1954 में ‘अमर’ फिल्म में एक साथ काम किया था।

mughal-e-azam फिल्म की कामयाबी के बाद मधुबाला की फिल्म आई ‘बरसात की रात’। इस फिल्म में इनके साथ थे भारत भूषण। 1960 में दोनों फिल्मों की कामयाबी की वजह से मधुबाला का फिल्मी कैरियर आसमान की बुलंदियों तक जा पहुंची थीं। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला और किशोर कुमार की दीवानगी

उन्हीं दिनों उनकी जिंदगी में आए अभिनेता और गायक किशोर कुमार। फिल्म ‘महलों के ख्वाब’ की शूटिंग के दौरान किशोर कुमार और मधुबाला की मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों ने ‘ढाके की मलमल’, ‘हाफ टिकट’, ‘झुमरू’, ‘चलती का नाम गाड़ी’ फिल्मों में साथ काम किया। फिल्म के सेट पर किशोर कुमार मधुबाला को बहुत हंसाया करते थे।

किशोर कुमार की शरारतें, उनके चुटकुले, मधुबाला को दिल खोलकर हंसने पर मजबूर कर देते थे। और ऐसे में मधुबाला के पास तीन लोगों के प्रस्ताव आ गए शादी के लिए। जिनमें भारत भूषण, प्रदीप कुमार और किशोर कुमार के नाम थे।Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला ने अपनी दोस्त नरगिस से संपर्क किया और उनसे बात की। लेकिन नरगिस ने नाम सुझाया भारत भूषण का। पर किशोर कुमार मधुबाला का ध्यान अपने प्रति दिलवाने में कामयाब हो रहे थे।

किशोर कुमार मधुबाला के साथ किसी भी फिल्म में काम करने को तैयार थे, बेकरार थे। ताकि उन्हें मधुबाला के करीब आने का मौका मिल सके। यही नहीं 1959 में मधुबाला ‘जाग उठा इंसान’ में सुनील दत्त के साथ भी नजर आई थी। यह फिल्म शक्ति सावंता की फिल्म थी।

शक्ति सावंता इस जोड़ी को लेकर एक और फिल्म बनाना चाहते थे। जब यह बात किशोर कुमार को पता चली तो जिद करने लगे कि मधुबाला के अपोजिट उन्हें ही लिया जाए। शक्ति सावंता ने समझाया कि यह रोल आपके लायक नहीं है। किशोर कुमार नहीं माने।

इसके बाद शक्ति सावंता ने किशोर कुमार और मधुबाला को लेकर ‘नॉटी बॉय’ नाम की फिल्म की घोषणा कर डाली। किशोर कुमार की दीवानगी बढ़ती ही जा रही थी। यहां तक की शादी करने के लिए मधुबाला को मनाया तो कैसे? टेबल फैन के आगे हाथ करते हुए बोले तुम मुझसे शादी के लिए ना करोगी तो मैं अपना हाथ काट लूंगा।

किशोर कुमार मधुबाला का रिश्ता धीरे-धीरे मजबूत होने लगा। अब मधुबाला को भी किशोर कुमार की दीवानगी पर यकीन होने लगा। फिल्म की शूटिंग शुरू हुई। लेकिन दो-चार दिनों की शूटिंग के बाद ही मधुबाला ज्यादा बीमार होते चली गई। डॉक्टर ने उन्हें पूरी तरह आराम करने की सलाह दी। मधुबाला को ऑपरेशन करवाने के लिए लंदन जाना था। लेकिन उससे पहले वह शादी करना चाहती थी।

मधुबाला ने अपने रिश्तेदार से भी ये जिक्र किया कि वह शादीशुदा जिंदगी बिताना चाहती हैं। जब मधुबाला की बीमारी का किशोर कुमार को पता चला और उन्हें मालूम हुआ कि वह ज्यादा परेशान हैं, और लंदन जाने से पहले शादी करना चाहती हैं, तो वे मधुबाला से मिलने पहुंचे।

लेकिन अताउल्लाह खान ने किशोर कुमार को कहा कि वह लंदन से आने के बाद ही मधुबाला की शादी करेंगे। पर किशोर कुमार ने मधुबाला की इच्छा पूरी करने के लिए उनसे पहले ही शादी करने की बात कह दी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

इस तरह मधुबाला और किशोर कुमार ने कोर्ट मैरिज कर लिया। गौरतलब यह भी है कि किशोर कुमार ने शादी के लिए अपना धर्म तक बदल लिया था। और उन्होंने अपना नाम करीम अब्दुल्ला रख लिया था। पर उनकी शादी किशोर कुमार के माता-पिता को कभी भी स्वीकार नहीं थी।

किशोर कुमार ने उन्हें मनाने के खातिर हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी की‌। फिर भी उनके माता-पिता नहीं माने। क्योंकि उन्हें लगता था कि किशोर कुमार और उमा देवी की तलाक की वजह मधुबाला ही थी। यही नहीं फिल्म इंडस्ट्री में किसी को भी इनकी शादी पर यकीन नहीं हो रहा था। कहां मधुबाला जैसी सौंदर्य की देवी और कहां मस्त मौला मनमौजी किशोर कुमार।

बेमेल शादी नजर आ रही थी। खैर शादी हुई भी और दोनों लंदन गए। लेकिन वहां डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए मना कर दिया, क्योंकि उस समय ऐसी मेडिकल सुविधाएं नहीं थी जो मधुबाला का इलाज कर सके। यहां तक कि डॉक्टर ने यह भी कह दिया कि मधुबाला के पास जीने के लिए सिर्फ 2 साल ही बचे हैं।

 इस बात से मधुबाला और किशोर कुमार को बहुत बड़ा झटका लगा। शादी के बाद मधुबाला की तबीयत ज्यादा खराब होती चली गई। हालांकि इस बीच ‘पासपोर्ट’, ‘झुमरू’, ‘ब्वॉयफ्रेंड’, ‘हाफ टिकट’ और ‘शराबी’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई।

किशोर कुमार ने अपने आपको काम में बहुत व्यस्त कर लिया। और इस कारण किशोर कुमार मधुबाला को पूरा टाइम नहीं दे पा रहे थे। और मधुबाला को भी वहां इनकी कमी खलने लगी। और इसीलिए वह अपने घर अरेबियन पैलेस में आकर रहने लगी। किशोर कुमार गाहे-बगाहे उनसे वहीं आ कर मिल लिया करते थे। 

उनके इलाज का पूरा खर्च भी किशोर कुमार ने उठाया। मधुबाला को बहुत कमी खल रही थी किशोर कुमार की। वह सोचती रहती थी कि पहले हल्की सी तबीयत खराब होती थी तो किशोर कुमार दौड़े चले आते थे। शूटिंग छोड़ देते थे। पर अब कई कई दिनों तक उनके घर का रुख ही नहीं होता है।

मधुबाला किशोर कुमार के साथ रहना चाहती थी। पर वह कहते थे मैं अकेला हूं। तुम्हारी देखभाल नहीं कर पाऊंगा। तुम अभी यहीं रहो। मैं बाद में आकर तुम्हें ले जाऊंगा। पर यह भी सच है कि मधुबाला को लेने किशोर कुमार कभी नहीं आए। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

जिंदगी चलती रही और कभी हार न मानने वाली मधुबाला भी नहीं रुकी। 1966 में मधुबाला एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री की तरफ रुख कर लिया। और फिल्म ‘चालाक’ की शूटिंग करना शुरू कर दिया। लेकिन मधुबाला शूटिंग के पहले ही दिन बेहोश हो गई।

बाद में इस फिल्म को ही बंद करना पड़ा। तब भी उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने सोचा, एक अभिनेत्री के तौर पर मेरा कैरियर खत्म हो चुका है। लेकिन अब मैं फिल्मों का निर्देशन करूंगी। उन्होंने दो फिल्मों का निर्देशन करना शुरू कर दिया। पहली फिल्म थी ‘फर्ज’ और दूसरी ‘इश्क’।

लेकिन बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह से यह दोनों ही फिल्में पूरी नहीं कर पाई। मधुबाला अब पूरी तरह से बिस्तर पर आ चुकी थी। उनकी बहन मधुभूषण बताती हैं कि उनकी बीमारी के कारण उनके शरीर में खून ज्यादा बनता था। इस वजह से मधुबाला के नाक और मुंह से खून बाहर निकलने लग जाता था। डॉक्टर उनके बॉडी में से एक्स्ट्रा खून निकालने आया करते थे।

धीरे-धीरे मधुबाला बहुत कमजोर होती चली गई। ऐसा लगने लगा कि अब शरीर में सिर्फ हड्डियां और खाल ही बची हैं। एक दिन शक्ति सावंता उनसे मिलने आए, तो उन्होंने देखा कि मधुबाला मेकअप करवा कर बैठी थी।

शक्ति सावंता ने पूछा कि मधु तुम्हें मेकअप की जरूरत कब से होने लगी। तब मधुबाला ने दुखी आवाज में कहा शक्ति आपने मुझे अपने जीवन में सबसे खूबसूरत रूप में देखा है। तो क्या आप देख सकते हैं कि अब मैं कैसी लगने लगी हूं। शक्ति सावंता कि आंखें बरसने लगी और वो उठकर बाहर चले गए।

सौंदर्य की देवी को इतनी कुंठा और अवसाद में वह देख नहीं पाए। वह ऐसी अमीर दिल की मधुबाला के लिए सिर्फ दुआ ही कर सकते थे। क्योंकि एक वक्त में जब शक्ति सावंता आर्थिक संकट से गुजर रहे थे तब मधुबाला ने फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ के लिए उनसे एक पैसा भी नहीं लिया था। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

धीरे-धीरे मौत के फरिश्ते उनके घर पर दस्तक देने आने लगे, जिस की आहट अब मधुबाला के साथ साथ सब को सुनाई देने लगी थी। मधुबाला जहां अपनी बीमारी में धंसती चली जा रही थी वहीं वह अपने बिगड़ते रूप से भी बहुत ज्यादा दुखी रहने लगी थी।

मधुबाला जिसका मतलब ही खूबसूरती था। अब खुद को आईने में देखकर डरने लगी थी। जिंदगी के आखिरी साल उन्होंने बिस्तर पर सोते सोते गुजार दी। उसी समय उन्होंने अपने कुछ सोए हुए अरमान को भी जगा दिया। उन्होंने दिलीप कुमार को मिलने के लिए बुलाया। इस मुलाकात का जिक्र करते हुए दिलीप कुमार ने कहा वह मरना नहीं चाहती थी।

मुझे बहुत अफसोस हुआ जब उन्होंने मुझसे पूछा कि जब वह ठीक हो जाएगी तो क्या मैं उनके साथ फिल्म में काम करूंगी। मैंने उनसे कहा तुम जरूर ठीक हो जाओगी। तुम तो ठीक ही हो। मैंने यकीन दिलाया और वायदा किया कि हां मैं तुम्हारे साथ फिल्म जरूर करूंगा। लेकिन यह वायदा कभी पूरा नहीं हो सका।

दिलीप कुमार को देखकर बहुत दिनों बाद मधुबाला के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आई थी। और उन्होंने दिलीप कुमार को कहा था कि हमारे शहजादे को आखिर शहजादी मिल ही गई। तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं। मधुबाला की हालत इतनी खराब हुई जा रही थी कि उनका सांस लेना भी दूभर होने लगा था।

उन्हें हर 4 घंटे में ऑक्सीजन देनी पड़ती थी। मधुबाला आखिरी समय में अपनी बहन से कहा करती थी। जब काम की समझ आई तो ऊपर वाले ने कहा बस। उस दिन शुक्रवार का दिन था। और तारीख थी 21 फरवरी सन 1969। तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

तब किशोर कुमार वहां रुकने के लिए आ गए। पर मधुबाला ने कहा रुक सको तो रुक जाओ, पर काम का हर्ज मत करना। जरूरी हो तो चले जाना। किशोर कुमार उस रात वहीं रुक गए। पर अगले दिन जब उन्हें तबीयत ठीक लगी तो वहां से रवाना हो गए।

लेकिन खान साहब ने कहा किशोर टेलीफोन पास ही रखना कभी भी जरूरत पड़ी तो मैं तुम्हें बुला भेजूंगा। और फिर वही हुआ जिसका डर था। 22 फरवरी शनिवार के दिन आधी रात को तबीयत ज्यादा खराब हुई तो किशोर कुमार को वापस बांद्रा आना पड़ा।

खान साहब खुदा को याद कर रहे थे, तब ऐसे में मधुबाला ने कह दिया कि मुझे शांति से मरने दीजिए। और फिर 15 मिनट बाद 9 बजकर बीस मिनट का वक्त था।

23 फरवरी 1969 की वह तारीख थी जिस दिन मधुबाला, करोड़ों दिलों की धड़कन, हिंदुस्तान की मर्लिन मुनरो, अपनी खूबसूरती और दिलकश अदाओं से हर दिल में खास पहचान बनाने वाली, सौंदर्य की देवी, भोर का तारा, विनश हमेशा के लिए अस्त हो गया। और मधुबाला इस दुनिया को अलविदा कह गई।

जिस वक्त मधुबाला ने इस दुनिया को अलविदा कहा उस वक्त दिलीप कुमार मद्रास में अपनी फिल्म ‘गोपी’ की शूटिंग कर रहे थे। लेकिन जब तक दिलीप कुमार शूटिंग से मधुबाला के घर तक पहुंच पाते, तब तक सांताक्रुज मुंबई की जुहू मुस्लिम सिमेट्री में दफना दिया गया था। वह उनकी आखिरी झलक भी नहीं देख पाए। सीधे कब्रिस्तान गए और मधुबाला के कब्र के पास खड़े होकर दुआ करते रहे।

मधुबाला के मौत के बाद उनके पहले प्यार लतीफ भी वह गुलाब का फूल जो हमेशा से संभाल कर रखा था, उस फूल को उनकी कब्र पर लाकर चढ़ा दिया। और हर 23 फरवरी को वह आते रहे और उस कब्र पर एक गुलाब का फूल चढ़ा कर जाते थे। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

अत्ताउल्लाह खान अपनी बेटी के कब्र पर फूट-फूट कर रो रहे थे रोने की वजह मधुबाला का दुनिया से चले जाना ही नहीं था, बल्कि उनके दिल में एक कसक थी कि मधुबाला को वे कभी भी वो खुशियां नहीं दे पाए जिसकी वह हकदार थी।

घर परिवार की जिम्मेदारी तो थी लेकिन उन्होंने कभी भी अपने चेहरे पर शिकन तक नहीं लाई थी। उन्होंने अपने पिता से कभी कोई जिद्द नहीं की। और ना ही उनकी कोई बात कभी टाली। ऐसी आदर्श बेटी का उदाहरण प्रस्तुत किया कि आज भी उनकी बातों को हम याद करते हैं।

हम ही क्या वह तो ऐसी पाक दिल थी कि आज तक अंधेरी के गुरुद्वारे में उनके नाम की दुआएं की जाती है। मधुबाला भले ही मुस्लिम परिवार में पैदा हुई थी, पर गुरु नानक देव की वो बहुत बड़ी भक्त थी। उनकी श्रद्धा का आलम यह था कि आखिरी समय में भी इनके पर्स में ‘चप्पू जी साहेब’ की किताब मौजूद रही।

फारसी भाषा में लिखे चपू जी साहिब का पाठ तब से करती थी, जब वह अपने कैरियर की बुलंदी पर थी। उनकी फिल्म निर्माताओं से एक ही शर्त होती थी कि पूरे साल वह कहीं भी शूटिंग करें पर गुरु पर्व पर वह मुंबई के अंधेरी गुरुद्वारे में मौजूद रहेंगी। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

इस बात का खुलासा म्यूजिक डायरेक्टर एस महेंद्र ने भी किया था। जब एक दिन किसी फिल्म के सेट पर अगली शौट की तैयारी चल रही थी उसी वक्त खाली वक्त में मधुबाला ने अपने पर्स में से एक छोटी सी किताब निकाली और सर ढककर पढ़ने लगी।

अगले शार्ट में जब उनका बुलावा आया तो वह पर्स और किताब एस महेंद्र को सौंप कर चली गई। जब उन्होंने यह किताब खोल कर देखी तो उसमें फारसी भाषा में जपुजी साहिब लिखा था।

जब मधुबाला से महेंद्र ने इस बारे में पूछा तो मधुबाला ने बताया था कि सब कुछ होने के बाद भी जब मैं अंदर से टूट चुकी थी तो एक दिन मेरे जानकार मुझे गुरुद्वारे लेकर गए थे। दर्शन करने के बाद मैंने मेरी परेशानी के बारे में ग्रंथि को बताया था। तब उन्होंने मुझे जपुजी साहिब का पाठ करने के लिए कहा था। लेकिन मुझे गुरुमुखी नहीं आती थी, इसलिए मैंने फारसी में लिखी यह किताब मंगवाई। मैं इसे रोज पढ़ती हूं। और मुझे अजीब सी शांति मिलती है।

अंधेरी गुरुद्वारे की ग्रंथि बताते हैं कि मधुबाला कई सालों से इस सेवा को कर रही थी। सेवा थी गुरु नानक देव की जन्मोत्सव पर लंगर सेवा। इसे मधुबाला ने बखूबी निभाया। लंगर में जितना भी खर्च आता था मधुबाला उसको खुद अपनी जेब से चुकाती थी। उसका चेक गुरुद्वारे के कमेटी को दिया करती थी।

बात यहीं खत्म नहीं हुई मधुबाला के इस दुनिया से चले जाने के बाद भी उनकी यह सेवा उनके पिता ने 6 साल तक निभाई। जब पिता का देहांत हो गया तब कमेटी ने और वहां के श्रद्धालुओं ने यह तय किया कि मधुबाला भले ही दुनिया में सशरीर नहीं है, लेकिन गुरु नानक देव के प्रति जो अगाध श्रद्धा थी, इसके लिए वो गुरुद्वारे में हमेशा जीवित रहेगी। इनका ये लंगर हमेशा चलता रहेगा। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

लिहाजा आज भी हर साल गुरु नानक देव की अरदास में यह बोल बोला जाता है कि सच्चे बादशाह आपकी बच्ची मधुबाला के तरफ से लंगर प्रसाद की सेवा हाजिर है। उसको अपने चरणों से जोड़े रखना। 22 साल की अपने फिल्मी कैरियर में मधुबाला ने तकरीबन 74 बेहतरीन फिल्मों में काम किया।

ऐसा किया कि आज भी यादगार है। मधुबाला के मौत के बाद सन् 1971 में उनकी ‘ज्वाला’ फिल्म रिलीज हुई। और यह एकमात्र ऐसी रंगीन फिल्म है जिसमें मधुबाला नजर आई थी। मधुबाला को इस दुनिया से अलविदा कहे कई दशक बीत गए, लेकिन अपने अनुपम सौंदर्य और अभिनय के बदौलत वह आज भी भारतीय सिनेमा की आइकन है।

आज भी भारतीय सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्रियों में मधुबाला ने अपनी खूबसूरती की उपस्थिति दर्ज करवा रखी है। मधुबाला के न जाने कितनी बायोग्राफी लिखी जा चुकी है। बहुत से लेख आज तक प्रकाशित हो रहे हैं। आज भी उनके पोस्टर की डिमांड रहती है। Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

वहीं 2007 में टौप एक्ट्रेस की लिस्ट में इनका नाम टौप पर था। मधुबाला की यादगार फिल्म mughal-e-azam को सन् 2004 में डिजिटल रूप से रंगीन करके वापस रिलीज किया गया था। और उसके बाद भी यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही थी।

मैडम तुसाद संग्रहालय में मधुबाला Biography of Madhubala in hindi | मधुबाला की जीवनी

मधुबाला की याद में 18 मार्च 2008 को भारतीय डाक टिकट भी जारी किया गया था। 10 अगस्त 2017 को मैडम तुसाद संग्रहालय में मधुबाला को अनारकली बनाकर याद किया गया था। वहीं 14 फरवरी 2019 को गूगल ने उनकी 86वीं जयंती पर गूगल का डूडल बनाकर उनकी जयंती को पेश किया था।

लेकिन जहां पूरी दुनिया आज पूज रही है, याद कर रही है, वहां सन् 2010 में इनकी क़ब्र के साथ ऐसा सलूक किया गया जो किसी को भी पसंद नहीं आया। उनके मकबरे पर मार्बल और शिलालेख के साथ कई कुरान की आयतें लिखी गई थी।

लेकिन नई कब्रों की जगह बनाने के लिए उनकी कब्र को ध्वस्त कर दिया गया। उनके अवशेष किसी और अज्ञात स्थान पर रख दिए गए। लेकिन ढाई इंच की जादुई मुस्कान वाली मधुबाला जिसकी खूबसूरती ऐसी की फूल भी मात खा जाए, चमक ऐसी कि चंद्रमा भी फीका पड़ जाए, अदाकारी में सब की मल्लिका, भारतीय सिनेमा का ध्रुव तारा हमेशा थी और हमेशा रहेगी।

अपनी खूबसूरत रोशनी से वह हमेशा सबके दिलों में जिंदा रहेगी। फैशन आईकॉन मधुबाला को ना ही कभी भुलाया जा सकता है और ना ही कभी भूला जा सकता है।

आगर आप मधुबाला के बायोग्राफी का वीडियो देखना चाहते हैं तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं। 

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YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika

YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika

अगर आप भी YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika ( Easiest way to earn money from youtube) ढूंढ रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। जब आप ये पूरा आर्टिकल पढ़ लेंगे तो आप भी आसानी से यूट्यूब से पैसा कमाना सीख जाएंगे।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि YouTube पर Active Users की संख्या कई देशों की कुल जनसँख्या से भी ज्यादा है। जी हाँ, आपने बिलकुल सत्य पढ़ा और आपका हैरान होना भी लाज़मी है। 

YouTube पर प्रतिदिन Active Users की संख्या 2.5 Billion के आंकड़े को भी पार कर चुका है। इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति हर दिन औसतन 20 मिनट का वीडियो देखा जाता है।

आज यूट्यूब पर हर दिन लगभग 1 Billion यानि 100 करोड़ से भी ज़्यादा Videos देखी जाती है। जिन्हें Mobile, Tablet और Computer पर देखा जाता है। ये आंकड़े यह बताने के लिए काफी है कि यूट्यूब की लोकप्रियता कितना ज्यादा है।

ऐसे में हमारे मन में सवाल आता है कि हम इसका फायदा कैसे उठायें और अपना यूट्यूब चैनल कैसे शुरू करें?

असल में, इसके लिए आपको ज़रूरत पड़ेगी अपने Niche यानि सब्जेक्ट को Identify करने की, जिसके बाद आगे बढ़ने के लिए आपको सिर्फ मोबाइल या कंप्यूटर और इंटरनेट की ज़रूरत पड़ेगी।

तो आइये ज़्यादा देर न करते हुए शुरू करते हैं आज का ब्लॉग जिसका नाम है YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika | Easiest way to earn money from youtube.

वैसे तो यूट्यूब से पैसे कमाने के आसान तरीके कई सारे हैं लेकिन यहां पर कुछ खास तरीकों की जानकारी दूंगा जो इस प्रकार है :-

गुगल पार्टनर प्रोग्राम (Google AdSense) :-

YouTube सहयोगी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, आपके पास पिछले 12 महीनों में कम से कम 1000 subscribers और 4,000 watchtime घंटे होने चाहिए। इसके साथ ही आपके चैनल पर किसी भी तरह की Copyright Strike नहीं होनी चाहिए.

आपका youtube channel 2 Step Verification भी On होना चाहिए। एक बार जब आप स्वीकृत हो जाते हैं, तो आप अपने वीडियो को विज्ञापनों से मुद्रीकृत कर सकते हैं और उत्पन्न विज्ञापन राजस्व से पैसा कमा सकते हैं।

जैसे ही यह मानदंड पूरा हो जाता है,आपका चैनल Google AdSense मुद्रीकरण (यूट्यूब से पैसे कमाने) के लिए तैयार हो जाता है।

Google AdSense Account Set up करने के लिए आप इन AdSense Instructions को Follow कर सकते है और https://www.google.com/adsense/start/ पर जाकर Get Started पर क्लिक कर सकते हैं।

AdSense से Monetize होने के बाद Google आपकी Videos पर विभिन्न तरह के Ads यानि प्रचार दिखाने लगता है। 

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प्रायोजित सामग्री (Sponsored content):

स्पोंसरशिप के द्वारा यूट्यूब पर अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। YouTube पर प्रायोजित सामग्री उन वीडियो को संदर्भित करती है जो ब्रांड से भुगतान के बदले किसी उत्पाद या सेवा का प्रचार करते हैं। यह विज्ञापन का एक रूप है। 

और सामग्री निर्माता को अपने दर्शकों को यह बताना होगा कि यह प्रायोजित है। भुगतान एकमुश्त शुल्क या राजस्व साझा समझौते के रूप में हो सकता है।

प्रायोजित सामग्री के योग्य होने के लिए, आपके पास एक बड़े और व्यस्त दर्शकों, एक मजबूत ब्रांड छवि और एक अच्छी प्रतिष्ठा होनी चाहिए।

ब्रांड अक्सर प्रभावित करने वालों के साथ काम करते हैं, जिनके पास एक विशेष जगह में बड़ी संख्या में अनुयायी होते हैं, क्योंकि इससे उन्हें लक्षित दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिलती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रायोजित सामग्री को आपकी सामग्री की प्रामाणिकता से समझौता नहीं करना चाहिए या आपके दर्शकों को धोखा नहीं देना चाहिए।

प्रायोजित सामग्री स्वाभाविक रूप से आपकी समग्र सामग्री रणनीति में फिट होनी चाहिए और आपके ब्रांड के मूल्यों और छवि के साथ संरेखित होनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त, YouTube द्वारा निर्धारित विज्ञापन नियमों का पालन करना और अपने दर्शकों के लिए प्रायोजित सामग्री का खुलासा करना महत्वपूर्ण है।

यह भी पढ़ें : what is a Google Trusted Photographer?

एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing):

यूट्यूब पर पैसे कमाने के लिए Affiliate Marketing बहुत ही अच्छा तरीका है।Affiliate Marketing में आप उन प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं जिन्हें आपने खुद नहीं बनाया  होता है।

Amazon Affiliate इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जहां लाखों लोग इसके Products Recommend करके कमीशन के तौर पर पैसा कमा रहे हैं।

एफिलिएट मार्केटिंग के ज़रिये यूट्यूब चैनल Monetize करने के लिए आपको Loyal Audience चाहिए होती है जिन्हें आप पर Trust हो।

इसलिए, यहां पहले दिन से ही Affiliates Products Recommend करने पर नहीं, बल्कि सबसे पहले अपनी एक Community बनाने पर ध्यान देन होता है।

जैसे-जैसे Community बनने लगती है, आप अपने Affiliates Products का लिंक Videos के Description में दे सकते हैं।

और यदि आपका एक Review Based YouTube Channel है तो आपके लिए एफिलिएट मार्केटिंग से पैसा कमाना और भी आसान हो जाता है।

यहां आपको Videos में अपने Products को Review करना है, Viewers को एक कॉल टू एक्शन देना है और साथ-साथ Description में लिंक दे देना है। ताकि आपके द्वारा बताये गए प्रोडक्ट्स को खरीद सकें।

YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika

यह भी पढ़ें :Explain in detail about Google Trusted Photography in Hindi.

उत्पादों या सेवाओं को बेचना (Selling products or services):

YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika का यह तीसरा शानदार तरीका है। आप अपनी सामग्री से संबंधित उत्पादों या सेवाओं को बेच सकते हैं, जैसे मर्चेंडाइज, डिजिटल उत्पाद या परामर्श सेवाएं।

AdSense & Affiliate Marketing के साथ-साथ आप अपने Digital Products या सर्विस भी बेच सकते हैं। 

याद रखें, एक बड़े और जुड़ाव वाले दर्शकों को बढ़ने में समय लगता है। एक ब्रांड बनाने और अनुसरण करने के लिए प्रयास और धैर्य की आवश्यकता होती है, लेकिन अंततः YouTube पर महत्वपूर्ण आय के अवसर पैदा हो सकते हैं।

 ध्यान रहे कि आपके Products या सर्विस तभी बिकेंगे जब आपकी Audience आप पर Trust करेगी और आपको सुनेगी, देखेगी और Videos पर Engage करेगी। 

YouTube और अन्य कौशल सिखाएं (Teach YouTube And Other Skills To People):

लोगों को YouTube और अन्य कौशल सिखाना आपकी विशेषज्ञता और अनुभव का मुद्रीकरण (यूट्यूब से पैसे कमाने) करने का एक शानदार तरीका है। आप इसे विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं, जैसे:

  • ऑनलाइन पाठ्यक्रम: आप Udemy, Teachable, या Kajabi जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम बना और बेच सकते हैं।

लोगों को सफल YouTube चैनल बनाना, YouTube पर पैसा कमाना या अपने आला से संबंधित अन्य कौशल विकसित करना सिखा सकते हैं।

  • वर्कशॉप और वेबिनार: आप लोगों को YouTube और अन्य कौशल सिखाने के लिए लाइव वर्कशॉप और वेबिनार, या तो ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से पेश कर सकते हैं।
  • कोचिंग और परामर्श: आप लोगों को उनके YouTube चैनल विकसित करने या अन्य कौशल विकसित करने में मदद करने के लिए आमने-सामने कोचिंग और परामर्श सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।

YouTube और अन्य कौशल सिखाने में सफल होने के लिए, आपके पास विषय वस्तु में विशेषज्ञता, अच्छा संचार और शिक्षण कौशल और अपने लक्षित बाज़ार की स्पष्ट समझ होनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त, आपको अपने YouTube चैनल, सोशल मीडिया और ईमेल मार्केटिंग का उपयोग करके अपने पाठ्यक्रमों और सेवाओं का प्रभावी ढंग से विपणन करने की आवश्यकता है।

शिक्षण और कोचिंग एक आकर्षक व्यवसाय हो सकता है और अपने ज्ञान को साझा करने और दूसरों को सफल होने में सहायता करने का एक शानदार तरीका हो सकता है।

हालांकि, उच्च-गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम बनाने और अनुयायी बनाने में प्रयास और समय लगता है। इसलिए सफलता देखने के लिए अपने व्यवसाय में थोड़ा निवेश करने के लिए तैयार रहें। YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika

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चैनल की सदस्यता बेचना और अपने प्रशंसकों के साथ सुपर चैट का इस्तेमाल करना (Sell Channel Memberships And Do Super Chat With Your Fans):

चैनल की सदस्यता बेचना और अपने प्रशंसकों के साथ सुपर चैट का इस्तेमाल करना आपके YouTube चैनल से कमाई करने (YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika) और अपने दर्शकों से जुड़ने के दो तरीके हैं।

  • चैनल सदस्यताएँ: चैनल सदस्यताएँ आपके प्रशंसकों को आपके चैनल पर विशेष सामग्री, मर्चेंडाइज और अन्य लाभों का उपयोग करने के लिए आवर्ती मासिक शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देती हैं।

आप अलग-अलग लाभों और कीमतों के साथ सदस्यता के विभिन्न स्तरों की पेशकश भी कर सकते हैं।

  • सुपर चैट: सुपर चैट YouTube पर एक ऐसी सुविधा है जो दर्शकों को लाइव स्ट्रीम के दौरान उनके संदेश को हाइलाइट करने के लिए भुगतान करने की अनुमति देती है।

हाइलाइट किया गया संदेश स्क्रीन पर अधिक समय तक रहता है और निर्माता और अन्य दर्शकों के लिए अधिक दृश्यमान होता है।

चैनल की सदस्यताएं और सुपर चैट, दोनों ही आपको अपने YouTube चैनल से कमाई करने और आय का एक नया जरिया प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika यह है। 

इसके अतिरिक्त, वे आपको अपने प्रशंसकों के साथ जुड़ने और उन्हें विशेष सामग्री और लाभ प्रदान करने की अनुमति भी देते हैं, जिससे आपके चैनल के साथ उनकी वफादारी और जुड़ाव बढ़ सकता है।

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सभी क्रिएटर्स चैनल की सदस्यता और सुपर चैट के लिए योग्य नहीं होते हैं और हो सकता है कि ये सुविधाएं सभी देशों में उपलब्ध न हों.

इसके अतिरिक्त, सदस्यता बेचने और सुपर चैट का उपयोग करने में सफल होने के लिए आपके पास एक पर्याप्त और व्यस्त ऑडियंस होना चाहिए जो विशेष सामग्री और लाभों के लिए भुगतान करने को तैयार हों।

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अपनी सामग्री को मीडिया के लिए लाइसेंस दें (License Your Content To Media)

मीडिया कंपनियों को अपनी सामग्री का लाइसेंस देना आपके YouTube चैनल को मुद्रीकृत करने (यूट्यूब से पैसे कमाने) का एक और तरीका (YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika) है।

इसमें टीवी नेटवर्क, प्रकाशकों, या अन्य मीडिया कंपनियों को आपके वीडियो या छवियों का उपयोग करने के अधिकार बेचना शामिल है।

मीडिया कंपनी तब आपकी सामग्री का उपयोग अपने स्वयं के प्रोग्रामिंग में कर सकती है, जैसे कि टीवी शो, विज्ञापन या ऑनलाइन लेख।

अपनी सामग्री का लाइसेंस देने में सफल होने के लिए, आपके पास पर्याप्त अनुसरणकर्ता और एक मजबूत ब्रांड छवि होनी चाहिए। आपके द्वारा बेचे जा रहे अधिकारों और लाइसेंस समझौते की शर्तों की भी आपको स्पष्ट समझ होनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त, उच्च-गुणवत्ता और मूल सामग्री होना महत्वपूर्ण है जिसकी मीडिया कंपनियों द्वारा मांग की जाती है।

आपकी सामग्री को लाइसेंस देना आपके YouTube चैनल को मुद्रीकृत करने (यूट्यूब से पैसे कमाने) का एक आकर्षक तरीका हो सकता है, लेकिन मीडिया कंपनियों के साथ संबंध बनाने और लाइसेंसिंग समझौतों पर बातचीत करने में प्रयास और समय लगता है।

इसके अतिरिक्त, आपकी सामग्री को ठीक से लाइसेंस देकर और यह सुनिश्चित करके कि इसका उपयोग आपके मूल्यों और छवि के साथ संरेखित किया जाता है, अपनी सामग्री और ब्रांड की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।

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प्रायोजक (Sponsorships):

प्रायोजक (Sponsorships) आपके YouTube चैनल को मुद्रीकृत करने का एक सामान्य तरीका (YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika) है। इसमें आपके वीडियो में कंपनियों या ब्रांडों के उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए उनके साथ साझेदारी करना शामिल है।

कंपनी आपको ऐसी सामग्री बनाने के लिए भुगतान करेगी जो उनके उत्पाद या सेवा को प्रदर्शित करती है या उसका उल्लेख करती है।

स्पॉन्सरशिप हासिल करने में सफल होने के लिए, आपके पास पर्याप्त और एंगेज्ड फॉलोइंग, एक मजबूत ब्रांड इमेज और अच्छी सामग्री होनी चाहिए जो आपके लक्षित दर्शकों के हितों और मूल्यों के साथ संरेखित हो।

प्रायोजन प्राप्त करने और अपने लिए अनुकूल शर्तों पर बातचीत करने में सक्षम होने के लिए आपके पास अच्छा संचार और बातचीत कौशल होना भी आवश्यक है।

प्रायोजन (Sponsorships) आपके YouTube चैनल का मुद्रीकरण करने का एक आकर्षक तरीका हो सकता है। लेकिन आपके द्वारा स्वीकार किए जाने वाले प्रायोजनों के बारे में चयनात्मक होना और केवल उन ब्रांडों के साथ काम करना महत्वपूर्ण है जिनके उत्पाद और मूल्य आपके स्वयं के अनुरूप हैं।

इसके अतिरिक्त, FTC दिशानिर्देशों और YouTube नीतियों के अनुसार अपने दर्शकों के लिए किसी भी प्रायोजित सामग्री का खुलासा करना महत्वपूर्ण है।

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Conclusion – YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika | Easiest way to earn money from youtube

अंत में, मई यही कहूंगा कि आपके पास YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika कई  हैं।

जिनमें Google AdSense के माध्यम से विज्ञापन, उत्पादों या सेवाओं को बेचना, शिक्षण और कोचिंग देना, चैनल सदस्यता बेचना और सुपर चैट का उपयोग करना, मीडिया को सामग्री का लाइसेंस देना और प्रायोजन हासिल करना शामिल है।

प्रत्येक मुद्रीकरण विधि के अपने लाभ और हानि हैं और इसके लिए विभिन्न कौशल और संसाधनों की आवश्यकता होती है।

YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika यह है कि सबसे पहले अपने Niche को Identify करें और मोबाइल या कंप्यूटर तथा इंटरनेट की मदद से वीडियो अपलोड करें।

कुछ तरीकों, जैसे कि ऐडसेंस के माध्यम से विज्ञापन, के लिए थोड़े प्रयास की आवश्यकता होती है, लेकिन कम रिटर्न उत्पन्न होता है, जबकि अन्य, जैसे कि शिक्षण और कोचिंग में अधिक प्रयास की आवश्यकता होती है, लेकिन यह अधिक आकर्षक हो सकता है।

अपने यूट्यूब चैनल का मुद्रीकरण करने में सफल होने के लिए, आपके पास एक मजबूत ब्रांड छवि, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री, और अच्छे संचार और विपणन कौशल के साथ पर्याप्त और व्यस्त अनुयायी होना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, अपने चैनल को विकसित करने और अपनी कमाई की क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी सामग्री और दर्शकों की व्यस्तता में लगातार सुधार करना महत्वपूर्ण है।

कई मुद्रीकरण विधियों को मिलाकर और अपने चैनल में लगातार सुधार करके, आप अपनी आय को अधिकतम कर सकते हैं और अपने YouTube चैनल को एक सफल और लाभदायक व्यवसाय में बदल सकते हैं।

आशा है कि आपको इस आर्टिकल में बताए गए सभी तरीके पसंद आए होंगे। YouTube Se Paise Kamane Ka sabse aasan tarika ( Easiest way to earn money from youtube)  के द्वारा जैसे ही आप अपने मानदंड को पूरा कर लेंगे या इनमें से कुछ तरीकों को भी आप स्वयं लागू कर लेंगे तो अवश्य ही यूट्यूब से पैसे कमाने लगेंगे। 

अंत में, आपसे यही कहूंगा कि  यदि अभी भी आप YouTube चैनल को विकसित नहीं कर पा रहे हैं या इसे ठीक से मुद्रीकृत नहीं कर पा रहे हैं तो मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं। आप मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद !

Greetings! Friends, I am Surendra Prasad Masterji, the founder of ‘SPM Online’. I’ve Been Building Websites For Over 02 Years! This site provides lot of valuable information in the form of blog posts. Such as :- Website Designing, Website Development, Digital Marketing, Network Marketing, Affiliate Marketing, Blogging, Make Money Online, Seo, AdSense, Technology, Blogging Tools etc. I hope you will be able to get enough valuable information from this site and enjoy it. Thanks.
what is a Google Trusted Photographer?

what is a Google Trusted Photographer?

what is a Google Trusted Photographer? (Google Trusted Photographer क्या है?)

आपने Google के बारे में सुना भी है और देखा भी है। google विश्व स्तर पर एक प्रसिद्ध खोज इंजन है जो आपको एक फ्लैश में कुछ भी या कोई भी उत्तर खोजने की अनुमति देता है। इतना ही नहीं, बल्कि यह बाजार में सबसे बड़ा हिस्सा बनाए रखना जारी रखा  है।

Google Trusted Photography एक तरह का फ़ोटोग्राफ़र होता है जिसे Google द्वारा निजी संपत्ति के आभासी दौरे बनाने के लिए प्रमाणित किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में आपको Google Trusted Photographer के बारे में विस्तार से बताने वाला हूँ  इस लिए पूरा आर्टिकल जरूर पढियेगा।

Google trusted फ़ोटोग्राफ़र Google द्वारा चलाया जाने वाला एक प्रोग्राम है जो पेशेवर फ़ोटोग्राफ़रों को Google मैप्स और Google स्ट्रीट व्यू के लिए व्यवसायों के उच्च-गुणवत्ता, 360-डिग्री वर्चुअल टूर बनाने के लिए प्रमाणित करता है। ये वर्चुअल टूर ग्राहकों को व्यवसायों के अंदर देखने, लेआउट के लिए एक अनुभव प्राप्त करने और यह देखने की अनुमति देते हैं कि कौन से उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध हैं।

Google trusted photographeron को एक कठोर प्रमाणन प्रक्रिया से गुज़रना होता है, जिसमें उनके फ़ोटोग्राफ़ी कौशल और Google के दिशानिर्देशों और सर्वोत्तम प्रथाओं के ज्ञान का परीक्षण शामिल है। एक बार प्रमाणित हो जाने के बाद, वे उच्च-गुणवत्ता वाले वर्चुअल टूर बनाने के लिए Google के फ़ोटोग्राफ़ी उपकरण और सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं।

Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र व्यवसायों को अद्वितीय ऑनलाइन उपस्थिति प्रदान करके और ग्राहकों के लिए उनके व्यवसायों को खोजना और एक्सप्लोर करना आसान बनाकर उन्हें सबसे अलग दिखाने में सहायता करते हैं। वर्चुअल टूर Google मैप्स और Google स्ट्रीट व्यू के साथ एकीकृत हैं, जिनका व्यापक रूप से लोगों द्वारा स्थानीय व्यवसायों को खोजने और उनके आसपास के क्षेत्र का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

कुल मिलाकर, Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र व्यवसायों को ऑनलाइन प्रचार करने, नए ग्राहकों को आकर्षित करने और उनकी ऑनलाइन दृश्यता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

What is the scope of Google Trusted Photographer in India? (भारत में गूगल ट्रस्टेड फोटोग्राफर का क्या स्कोप है?)

Google trusted photography भारत सहित विश्व स्तर पर Google द्वारा पेश किया जाने वाला एक कार्यक्रम है। भारत में, प्रमाणित फ़ोटोग्राफ़र व्यवसायों के 360-डिग्री वर्चुअल टूर बना सकते हैं, जिन्हें बाद में Google मानचित्र और Google खोज पर प्रदर्शित किया जाता है। ये वर्चुअल टूर व्यवसायों को संभावित ग्राहकों के लिए अपने भौतिक स्थानों को एक आकर्षक तरीके से प्रदर्शित करने की अनुमति देते हैं . Google trusted photography उनके लक्षित दर्शकों के लिए दृश्यता बढ़ाने में भी मदद करते हैं।

भारत में Google trusted फ़ोटोग्राफ़र बनने के लिए, किसी व्यक्ति को Google के प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करना होगा और वर्चुअल टूर निर्माण के लिए उनके गुणवत्ता मानकों को पूरा करना होगा। व्यवसाय के स्वामी अपने क्षेत्र में प्रमाणित Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़रों को खोज सकते हैं और अपने स्थानों के लिए वर्चुअल टूर का अनुरोध कर सकते हैं।

How is google trusted photography? (Google trusted photography कैसी होती है?)

Google trusted photography Google द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक प्रमाणन कार्यक्रम है जो फ़ोटोग्राफ़रों को व्यवसायों के उच्च-गुणवत्ता, 360-डिग्री वर्चुअल टूर बनाने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित करता है, जिन्हें बाद में Google मानचित्र और Google खोज पर प्रदर्शित किया जाता है। फ़ोटोग्राफ़र छवियों को कैप्चर करने और एक वर्चुअल टूर बनाने के लिए विशेष उपकरण और सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हैं जो संभावित ग्राहकों को विस्तृत, इंटरैक्टिव तरीके से व्यवसाय के भौतिक स्थान का पता लगाने की अनुमति देता है।

वर्चुअल टूर डेस्कटॉप और मोबाइल डिवाइस दोनों पर उपलब्ध हैं और व्यवसायों को अपने स्थानों को बढ़ावा देने और संभावित ग्राहकों के लिए दृश्यता बढ़ाने में मदद करते हैं। Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र बनने के लिए, किसी व्यक्ति को Google का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करना होगा और वर्चुअल टूर निर्माण के लिए उनके गुणवत्ता मानकों को पूरा करना होगा।

Google trusted photographer registration (Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र पंजीकरण)

Google trusted photographer registration के लिए, आपको इन चरणों का पालन करना होगा:
  • योग्यता जांचें: सुनिश्चित करें कि आप एक पेशेवर फोटोग्राफर होने, एक पेशेवर फोटोग्राफी पोर्टफोलियो होने और Google के नियमों और शर्तों से सहमत होने सहित बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
  • कार्यक्रम के लिए आवेदन करें: Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र वेबसाइट पर जाएं और आवेदन फ़ॉर्म भरें। आपको अपने फोटोग्राफी अनुभव और पोर्टफोलियो के बारे में विवरण देना होगा।
  • प्रमाणन प्रक्रिया पूरी करें: यदि आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो आपको एक प्रमाणन प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसमें आपके फोटोग्राफी कौशल और Google के दिशानिर्देशों के ज्ञान को प्रदर्शित करने के लिए एक ऑनलाइन परीक्षण और व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं।
  • शर्तों से सहमत हों: प्रमाणन प्रक्रिया पारित करने के बाद, आपको Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र कार्यक्रम के नियमों और शर्तों से सहमत होना होगा।
  • उपकरण खरीदें: वर्चुअल टूर बनाने के लिए आपको 360-डिग्री कैमरा, ट्राइपॉड और सॉफ्टवेयर सहित आवश्यक उपकरण खरीदने होंगे।
  • काम करना शुरू करें: अब आप व्यवसायों के लिए वर्चुअल टूर बनाना शुरू करने और एक Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र के रूप में अपनी सेवाओं का प्रचार करने के लिए तैयार हैं।

नोट: Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र कार्यक्रम की प्रमाणन प्रक्रिया और शर्तें समय के साथ बदल सकती हैं, इसलिए अपडेट के लिए Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र वेबसाइट की नियमित रूप से जाँच करना महत्वपूर्ण है।

How to become a Google photographer? गूगल फोटोग्राफर कैसे बने?

Google फ़ोटोग्राफ़र बनने के लिए, आप यह कर सकते हैं:

  1. फोटोग्राफी कौशल हासिल करें: इसमें कैमरा, लेंस, लाइटिंग और पोस्ट-प्रोसेसिंग का ज्ञान शामिल है।
  2. Google सड़क दृश्य से परिचित हों: जानें कि प्लेटफ़ॉर्म कैसे काम करता है, उपयोग किए जाने वाले उपकरण और 360-डिग्री पैनोरमिक छवियों को कैप्चर करने और अपलोड करने की प्रक्रिया।
  3. प्रमाणित हों: एक Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र बनें, जिसके लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करना और प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
  4. एक पोर्टफोलियो बनाएं: अपने बेहतरीन काम का एक पोर्टफोलियो बनाकर अपने फोटोग्राफी कौशल का प्रदर्शन करें।
  5. Google फ़ोटोग्राफ़र बनने के लिए आवेदन करें: आप Google स्ट्रीट व्यू विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र प्रोग्राम के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

ध्यान दें: Google स्ट्रीट व्यू फ़ोटोग्राफ़र स्व-नियोजित हैं और सीधे Google द्वारा नियोजित किए जाने के बजाय प्रति प्रोजेक्ट भुगतान किया जाता है।

यह भी पढ़ें : What is google in hindi?

  1. फोटोग्राफी कौशल हासिल करें: इसमें कैमरा, लेंस, लाइटिंग और पोस्ट-प्रोसेसिंग का ज्ञान शामिल है।
  2. Google सड़क दृश्य से परिचित हों: जानें कि प्लेटफ़ॉर्म कैसे काम करता है, उपयोग किए जाने वाले उपकरण और 360-डिग्री पैनोरमिक छवियों को कैप्चर करने और अपलोड करने की प्रक्रिया।
  3. विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करें: यह कार्यक्रम आपको Google के दिशानिर्देशों और सड़क दृश्य छवियों को कैप्चर करने और अपलोड करने के सर्वोत्तम तरीकों से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  4. प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करें: प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद, Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र बनने के लिए आपको प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
  5. Google की आवश्यकताओं को पूरा करें: आपके पास एक व्यवसाय होना चाहिए जो Google स्ट्रीट व्यू, एक पेशेवर-स्तरीय कैमरा और उच्च-गुणवत्ता वाली 360-डिग्री पैनोरमिक छवियों का उत्पादन करने की क्षमता से लाभ उठा सके।

एक बार जब आप Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र बन जाते हैं, तो आपको एक विश्वसनीय बैज प्राप्त होगा, जो इंगित करता है कि आपने Google की प्रमाणन प्रक्रिया पूरी कर ली है और आपके पास सड़क दृश्य छवियों को कैप्चर करने और अपलोड करने के लिए आवश्यक कौशल हैं।

 

फोटोग्राफी विषय एक तस्वीर के मुख्य फोकस या विषय को संदर्भित करता है। यह कुछ भी हो सकता है जिसे एक कैमरे द्वारा कैद किया जा सकता है, जैसे कि लोग, परिदृश्य, वास्तुकला, जानवर, स्थिर जीवन, अमूर्त अवधारणाएं, आदि। एक तस्वीर का विषय ध्यान का केंद्र या एक बड़ी रचना का हिस्सा हो सकता है।

विषय का चुनाव फोटोग्राफी के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, क्योंकि यह छवि द्वारा बताए गए मूड, भावना और संदेश को निर्धारित करता है। एक फोटोग्राफर के व्यक्तिगत हित, अनुभव और रचनात्मक दृष्टि अक्सर उन विषयों को प्रभावित करती है जिन्हें वे फोटोग्राफ के लिए चुनते हैं।

यह एक व्यक्ति, एक वस्तु, एक परिदृश्य, एक घटना या एक अमूर्त अवधारणा से कुछ भी हो सकता है। फोटोग्राफी विषय सरल और सरल से लेकर जटिल और बहुस्तरीय तक हो सकते हैं, और इन्हें विभिन्न शैलियों में कैप्चर किया जा सकता है, जैसे कि चित्र, स्थिर जीवन, वन्य जीवन, सड़क और परिदृश्य फोटोग्राफी, अन्य।

विषय का चुनाव एक तस्वीर के मूड, वातावरण और समग्र प्रभाव को बहुत प्रभावित कर सकता है। एक फोटोग्राफर की पसंद का विषय उनके व्यक्तिगत हितों, विचारों और दृष्टिकोणों को भी दर्शा सकता है।

यह भी पढ़ें :- What is Google Trusted Photography in Hindi?

How long will it take to become a professional photographer? (प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने में कितना समय लगेगा?)

एक पेशेवर फोटोग्राफर बनने में अलग-अलग समय लग सकता है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • प्रतिबद्धता का स्तर: आप अपने फोटोग्राफी कौशल को विकसित करने और अपने पोर्टफोलियो के निर्माण में जितना समय और प्रयास लगाते हैं, वह इस बात पर बहुत प्रभाव डालेगा कि आप कितनी जल्दी एक पेशेवर फोटोग्राफर बन सकते हैं।
  • औपचारिक शिक्षा: यदि आप एक औपचारिक सेटिंग में फोटोग्राफी का अध्ययन करना चुनते हैं, जैसे कि एक विश्वविद्यालय या ट्रेड स्कूल, तो स्व-अध्ययन या कार्यशालाओं के माध्यम से सीखने की तुलना में एक पेशेवर फोटोग्राफर बनने में अधिक समय लगेगा।
  • व्यावहारिक अनुभव: फ़ोटोग्राफ़ी प्रोजेक्ट लेने, अन्य फ़ोटोग्राफ़रों की सहायता करने या फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र के रूप में काम करने से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने से आपको अधिक तेज़ी से एक पेशेवर फ़ोटोग्राफ़र बनने में मदद मिल सकती है।
  • पोर्टफोलियो विकास: एक पेशेवर फोटोग्राफर के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए अपने बेहतरीन काम का एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाना महत्वपूर्ण है। इसमें समय लग सकता है और आपके पोर्टफोलियो को वर्तमान और प्रासंगिक बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

औसतन, एक पेशेवर फोटोग्राफर बनने के लिए कई वर्षों के समर्पित प्रयास लग सकते हैं, हालांकि कुछ व्यक्ति अधिक जल्दी सफल हो सकते हैं जबकि अन्य को अधिक समय लग सकता है। सफलता की कुंजी लगातार सीखना, अभ्यास करना और काम का एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाना है।

Google trusted photographer salary (Google trusted photographer की सैलरी)

Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र स्व-नियोजित हैं और सीधे Google द्वारा नियोजित नहीं हैं। उन्हें उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली स्ट्रीट व्यू फ़ोटोग्राफ़ी सेवाओं के लिए प्रति प्रोजेक्ट भुगतान किया जाता है। Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र की सटीक कमाई कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे उनके अनुभव का स्तर, परियोजना की जटिलता, परियोजना का स्थान और उनके स्वयं के मूल्य निर्धारण और बातचीत कौशल।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Google विश्वसनीय फ़ोटोग्राफ़र बनना आय का एक गारंटीकृत स्रोत नहीं है और कमाई बहुत भिन्न हो सकती है। कुछ फोटोग्राफर एक महत्वपूर्ण आय अर्जित कर सकते हैं जबकि अन्य केवल एक सीमित राशि कमा सकते हैं, जो उनकी सेवाओं की मांग और उनके स्वयं के विपणन और बिक्री प्रयासों पर निर्भर करता है।

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